हम्पी, जिसे “भारत का रोम” कहा जाता है, दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य में स्थित एक ऐतिहासिक नगर है। यह कभी विजयनगर साम्राज्य की राजधानी थी और अपने समय में विश्व के सबसे समृद्ध नगरों में से एक था। हम्पी को “भारत का रोम” इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह प्राचीन भारतीय संस्कृति, वास्तुकला, और धार्मिक धरोहरों का एक भव्य उदाहरण प्रस्तुत करता है, ठीक वैसे ही जैसे रोम यूरोप के ऐतिहासिक वैभव का प्रतीक है।
हम्पी का ऐतिहासिक महत्व
हम्पी का इतिहास 14वीं शताब्दी में विजयनगर साम्राज्य की स्थापना से जुड़ा है। यह साम्राज्य दक्षिण भारत का सबसे शक्तिशाली राज्य था और अपने समृद्ध व्यापार, कला, और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध था। 16वीं शताब्दी में, इस पर बहमनी सुल्तानों ने आक्रमण किया और इसे नष्ट कर दिया। इसके बाद, हम्पी धीरे-धीरे उजड़ गया और अब यह केवल एक ऐतिहासिक धरोहर स्थल के रूप में जाना जाता है।
हम्पी की विश्व धरोहरें
हम्पी को 1986 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था। यहां लगभग 1600 से अधिक स्मारक और मंदिर मौजूद हैं, जो इसे विश्व का सबसे बड़ा ओपन-एयर संग्रहालय बनाते हैं। विदेशी पर्यटक महीनों तक यहां रुकते हैं ताकि वे इसकी अद्भुत स्थापत्य कला, मंदिरों, और प्राकृतिक सुंदरता को पूरी तरह से देख सकें।
कुछ प्रमुख विश्व धरोहर स्थल:
- विरुपाक्ष मंदिर – यह हम्पी का सबसे प्रसिद्ध और जीवंत मंदिर है, जो भगवान शिव को समर्पित है।
- विट्ठल मंदिर – यह मंदिर अपनी पत्थर की रथ संरचना और संगीत स्तंभों के लिए प्रसिद्ध है।
- हजार राम मंदिर – इस मंदिर की दीवारों पर रामायण की कहानियां उकेरी गई हैं।
- लक्ष्मी नरसिंह मूर्ति – यह विशाल मूर्ति भगवान विष्णु के अवतार नरसिंह की है।
- कमल महल और जल महल – यह विजयनगर साम्राज्य की भव्यता को दर्शाते हैं।
- बादामी गुफाएं – हम्पी के पास स्थित ये गुफाएं भारतीय गुप्तकालीन स्थापत्य का अद्भुत उदाहरण हैं।
हम्पी की खास बातें
1. अद्भुत वास्तुकला
हम्पी की वास्तुकला द्रविड़ और इंडो-इस्लामिक शैली का मिश्रण है। यहां के मंदिरों और महलों में बेहद जटिल नक्काशी देखने को मिलती है।
2. प्राकृतिक सुंदरता
हम्पी तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थित है और इसके चारों ओर बड़ी-बड़ी ग्रेनाइट की चट्टानें फैली हुई हैं, जो इसे एक अनोखा परिदृश्य प्रदान करती हैं।
3. योग और आध्यात्मिकता
हम्पी भारतीय साधु-संतों और योगियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है। यहां की गुफाएं और मंदिर ध्यान और योग के लिए आदर्श स्थान हैं।
4. बैसाखी और हम्पी उत्सव
यहां हर साल हम्पी उत्सव मनाया जाता है, जिसमें पारंपरिक नृत्य, संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं।
निष्कर्ष
हम्पी केवल एक ऐतिहासिक धरोहर स्थल ही नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और वास्तुकला की एक अमूल्य धरोहर भी है। इसकी भव्यता और सुंदरता इसे “भारत का रोम” का दर्जा दिलाती है। हर साल हजारों विदेशी पर्यटक यहां आते हैं और महीनों तक इसकी सुंदरता में खोए रहते हैं। यदि आप इतिहास, कला, और प्रकृति प्रेमी हैं, तो हम्पी आपके लिए एक अद्भुत यात्रा स्थल हो सकता है।
