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June 19, 2025 4:25 pm

नाभि में छिपा है सेहत का राज

पैदा होने के बाद जब मां की नाल से जुड़ी बच्चे की गर्भनाल हो डॉक्टर्स द्वारा बांधकर अलग किया जाता है तो बच्चे के पेट पर एक निशान बन जाता है जिसे नाभि बोलते हैं। नाभि का आकार और संरचना सभी में अलग-अलग होती है। महिलाओं की तुलना में पुरुषों की नाभि के आसपास अधिक रोएं होते हैं। नाभि सिर्फ स्तनधारी जीवों में पाई जाती है, अंडे देने वाले जीवों में नहीं।

शरीर को संतुलित करता है नाभि

यह सूर्य से संबंधित केंद्र है, जो पाचन की प्राणमयी क्रिया एवं भोजन के शरीर में शोषण की गतिविधियों को नियंत्रित करता है। इस तरह मणिपूरक चक्र ताप एवं शक्ति का केंद्र है। शरीर के संतुलन को सही बनाए रखने के साथ अंग प्रत्यंगों में सामंजस्य एवं नाड़ियों के कार्य-संचालन व नियंत्रण में नाभि मंडल की भूमिका महत्वपूर्ण है।

नाभि केंद्र से 72 हजार नाड़ियों की उत्पत्ति

हमारे शरीर में उदर प्रदेश के मध्य नाभि है। यौगिक शरीर विज्ञान के अनुसार नाभि के नीचे एक गोलाकार कन्द है। इसी स्थान से संपूर्ण शरीर में फैली हुई 72 हजार नाड़ियों की उत्पत्ति हुई है। इनमें प्राणवाही 72 नाड़ियाँ मुख्य हैं, इनमें भी दस नाड़ियाँ प्रमुख हैं। नाड़ी का शाब्दिक अर्थ है बहाव या धारा। नाड़ियाँ सूक्ष्म शरीर के विभिन्न चक्रों और अतीन्द्रिय केंद्रों को एक-दूसरे से जोड़ने वाले पथ हैं, जिनसे होकर प्राण-ऊर्जा-प्रवाह शरीर में सब जगह पहुँचता है। चूँकि यह सब सूक्ष्म शरीर से संबंधित है, अतः शरीर के स्थूल अंगों की तरह इन्हें देखा नहीं जा सकता। योग की उच्च स्तरीय साधना के दौरान साधक इन प्रकाश मार्गों के दर्शन करता है, इनकी गतिविधियों को अनुभव करता है।


नाभि के रहस्य

1. हिन्दू शास्त्रों के अनुसार नाभि हमारी जीवन ऊर्जा का केंद्र है। कहते हैं कि मृत्यु के बाद भी प्राण नाभि में 6 मिनट तक रहते हैं। शरीर में दिमाग से भी महत्वपूर्ण स्थान है नाभि का। नाभि शरीर का प्रथम दिमाग होता है, जो प्राणवायु से संचालित होता है।

2. हमारा सूक्ष्म शरीर नाभि ऊर्जा के केंद्र से जुड़ा रहता है। यदि कोई संत या सिद्धपुरुष शरीर से बाहर निकलकर सूक्ष्म शरीर से कहीं भी विचरण करता रहता है, तो उसके सूक्ष्म शरीर की नाभि से स्थूल शरीर की नाभि के बीच एक रश्मि जुड़ी रहती है। यदि यह टूट जाती है तो व्यक्ति का अपने स्थूल शरीर से संबंध भी टूट जाता है।

नाभि में तेल लगाने के फायदे

नाभि शरीर का केंद्र बिंदु होता है। हर रात सोने से पहले अगर आप मात्र दो बूंद तेल भी नाभि में डालते हैं तो सेहत के कई आश्चर्यजनक फायदे मिल सकते हैं। यह त्वचा, प्रजनन, आंखों और मस्तिष्क के लिए अत्यंत उपयोगी है। आइए जानते हैं नाभि में तेल डालने से क्या और कौन से फायदे मिलते हैं…

पाचन क्षमता बढ़ाती है

सरसों के तेल की कुछ बूंदों से नाभि (बेली बटन) की मालिश करने से आंत्र सिंड्रोम (बॉवेल सिंड्रोम) को दूर करने में मदद मिलती है। यह आंत के स्वास्थ्य दुरुस्‍त करता है और पेट की ख़राबी, पेट फूलना या कब्ज जैसे अन्य पाचन संबंधी मुद्दों को कम कर करता है। नेवल ऑयल थेरेपी में नाभि तेल आपके पाचन तंत्र के लिए रामबाण है। अगर आप रोजाना अपनी नाभि के किनारों के आसपास सरसों के तेल से मालिश करेंगे तो लीवर में प्लीहा से गैस्ट्रिक और पित्त के रस (बेली जूस) जैसे हानिकारक चीजों से छुटकारा मिलेगा। जिससे पाचन में सुधार होगा। मतली और आंत में दर्द से राहत पाने के लिए, आप नाभि पर पुदीना या अदरक का तेल भी लगा सकती हैं।

आपके मन को शांत करती है

हाथो से नाभि के चारों ओर पेट पर एक गोलाकार (गोल आकृति) बनाते हुए मालिश करने से तनाव कम करने और आराम करने में मदद मिलेगी। पैरासिम्पेथेटिक तंत्रिका तंत्र को सक्रिय करने में, नाभि चिकित्सा आपकी भावनाओं को संतुलित करने में और एकाग्रता बढ़ाने में मदद करती है। तनाव कम करने के लिए आप लैवेंडर ऑयल का उपयोग भी कर सकती हैं। इससे मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य बेहतर होता है।

त्वचा में एक प्राकृतिक चमक लाती है

एक चिकनी, स्पष्ट और चमकदार त्‍वचा के लिए, हर दिन जैतून के तेल से नाभि (बेली बटन) की मालिश करें। प्राकृतिक फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट के साथ समृद्ध, जैतून का तेल सूजन को कम करने, त्वचा की समस्याओं को रोकने, त्वचा के संक्रमण को ठीक करने और सिर से पैर तक त्वचा को मॉइस्चराइज करने में मदद करता है। इसमें होंठ और एड़ी भी शामिल हैं।

प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार करती है

आयुर्वेदिक विशेषज्ञ, श्रेयांश जैन कहते है कि “एसेंशियल ऑयल के साथ नाभि (बेली बटन) की मालिश करने से पुरुषों और महिलाओं दोनों के प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार होता है

जोड़ों के दर्द से राहत दिलाती है

मांसपेशियों में सूजन होने से जोड़ों में दर्द हो सकता है। नाभि चिकित्सा के लिए अरंडी के तेल, दौनी के तेल का उपयोग करने से दर्द में कमी, जोड़ों में मजबूती और लचीलापन आता है। अगर आप गठिए के प्रारंभिक स्तर में हैं या आपकी हड्डियां कमजोर हैं, तो आपके लिए नाभि चिकित्सा एक अच्छा विकल्प है राहत पाने के लिए।

सूखी (ड्राई) आंखों के सिंड्रोम में सुधार करती है

प्रदूषण, बहुत ज्यादा पढ़ाई करने, स्क्रीन देखने, धूम्रपान करने, उम्र बढ़ने, या किसी अन्य चिकित्सा स्थिति के कारण आंखें ड्राई हो जाती हैं। जो आपकी दृष्टि में बाधा डाल सकती हैं और परिणामस्वरूप आंखों में जलन हो सकती है।

2 thoughts on “नाभि में छिपा है सेहत का राज”

  1. बहुत ही ज्ञानवर्धक एवं स्वास्थ्य बर्धक जानकारी मिली। नाभि शरीर का बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है ये मुझे जानकारी प्राप्त हुआ।आपका बहुत बहुत धन्यवाद।

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