यदि आप कोई आसन करते हैं तो दो आसनों के बीच में आप इस आसन में विश्राम कर सकते हैं. इसके करने से थकान दूर होती है. इस आसन को हम मृतासन भी कहते है. यानि इस आसन में शरीर मृत शरीर के जैसा दिखता है.
विधि-(How to do Savasana?)
जमीन पर आप कोई दरी या कंबल बिछाकर आप आराम से पीट के बल लेट जाए. दोनों हाथों को अपने कमर के बगल में रख लें. आपकी हथेली छत की ओर खुली हो. दोनों पैर के बीच करीब एक से डेढ़ फीट का फासला हो. आंखें बंद, और शरीर को पूरी तरह ढ़ीला छोड़ दें. मन को अपने श्वांस पर ले जाए और आती और जाती हुई श्रवांस को सिर्फ देखते रहें. उसमें किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं कीजिए.
लाभ-(Benefits of Savasana)
शवासन (या “कोर्पस पोज”) योग की एक महत्वपूर्ण आसन है, जिसे आमतौर पर योगा सत्र के अंत में किया जाता है। इसके अनेक लाभ हैं, जो शारीरिक, मानसिक, और भावनात्मक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख लाभ दिए गए हैं:
- पूर्ण विश्राम: शवासन शरीर और मन को पूरी तरह से आराम देने में मदद करता है, जिससे तनाव और थकावट कम होती है।
- मानसिक शांति: यह आसन ध्यान और मन की शांति को बढ़ावा देता है। इससे मानसिक तनाव और चिंता को कम करने में सहायता मिलती है।
- संतुलन और समन्वय: शवासन के दौरान शरीर के सभी अंग पूरी तरह से आराम करते हैं, जिससे शरीर की संपूर्ण स्थिति को समझने और सुधारने में मदद मिलती है।
- पाचन में सुधार: इस आसन से शरीर की प्रणाली को विश्राम मिलता है, जिससे पाचन तंत्र को बेहतर काम करने का समय मिलता है।
- रक्त संचार में सुधार: शवासन के दौरान रक्त प्रवाह स्वाभाविक रूप से सुधार होता है, जिससे शरीर की विभिन्न प्रणालियाँ बेहतर तरीके से कार्य करती हैं।
- ऊर्जा पुनर्निर्माण: यह आसन शरीर की ऊर्जा को पुनर्निर्मित करने में मदद करता है, जिससे आप अधिक ऊर्जावान महसूस करते हैं।
- संतुलित तंत्रिका तंत्र: शवासन तंत्रिका तंत्र को शांत करने में मदद करता है, जिससे शरीर और मस्तिष्क को बेहतर तरीके से कार्य करने की अनुमति मिलती है।
- सामान्य स्वास्थ्य में सुधार: नियमित रूप से शवासन करने से समग्र स्वास्थ्य में सुधार होता है, और शरीर के अंगों और प्रणालियों का समन्वय बेहतर होता है।
शवासन को सही तरीके से करने के लिए, ध्यान दें कि आपकी श्वास गहरी और स्वाभाविक हो, और आपका ध्यान पूरी तरह से वर्तमान क्षण पर केंद्रित हो।
