आज का मानव पूरी तरह मशीन के जैसा बन गया है.. इसलिए तो इस युग को कलयुग कहा जाता है. कलयुग(Kalyuga) का अर्थ होता है कल यानि मशीन और युग का मतलब समय. यानि जिस युग में जीवन मशीन जैसा हो जाए या मशीन पर निर्भरता अधिक से अधिक हो जाए तो वह युग कलयुग कहलाता है. और जैसे ही आप मशीन बनते हैं तो आप प्रकृति से दूर होते चले जाते हैं. तो ऐसी स्थिति में आपको विमारी होना निश्चित है.
क्या जीवन में अशांति है?
हम काम काज के दौरान अपने भोजन(Food) और अचार-विचार प्रकृति से दूर होते चले जाते हैं. सुख सुविधाओं और मनोरंजन के चलते हमारा शरीर और मन कई गलत आदतों के शिकार हो जाता है जिसके चलते जीवन में अशांति और परेशानी बढ़ने लग जाती है. हम धन और पद के दौड़ में इतने आगे बढ़ चुके होते हैं कि हमारे जीवन से आनंद और उल्लास पुरी तरह से गायब हो जाते हैं. जिसके चलते धन और पद रहकर भी हम नीरस अनुभव करते हैं और इस नीरसता को भुलाने के लिए हम नशा का सेवन भी करते हैं जो शरीर, मन और आत्मा के लिए पूरी तरह से घातक है.
थ्री डायमेंशन का होता है विकास
इसलिए आज के भागदौड़ के जीवन में योगासन(Yogasan) ही मात्र एक ऐसा साधन है जो आपको शारीरिक रूप से स्वस्थ, मानसिक(Mental) रूप से ताकतवर(Powerful) और आध्यात्मिक रूप से आनंदित कर सकती है. यानि योग आपको थ्री डायमेंशन (DIMENSION) में आपका विकास करता है.
आसन का अभ्यास(Practice) कर आपका शरीर निरोग(healthy) होगा वहीं आपके शारीरिक रूप से शक्तिशाली होंगे, मांसपेशियां आपकी सख्त नहीं होगी जिसकारण आप अगर काफी शारीरिक श्रम भी करते हैं तो आपको किसी भी प्रकार का कोई दिक्त नहीं होगा.
जीवन ऊर्जा बढ़ता है
आसन जब करते हैं तो आप प्राणायाम(Pranayama) का भी अभ्यास करते हैं यानि श्वास का अभ्यास भी होता है. और ये अभ्यास आपके जीवन शक्ति को बढ़ाता है और रोग से लड़ने की शक्ति पैदा करता है. साथ ही आपमें एकाग्रती की क्षमता भी विकसित होती है. योगासनों के बाद जो प्रभाव आपपर पड़ता है वह काफी लंबें समय तक रहता है. जिसके चलते आप लंबे समय तक स्वस्थ्य और आनंद का लाभ ले सकते हैं.
योग(Yoga) करने से आप सिर्फ शरीर और मन के तल पर ही नहीं रूकते है बल्कि आप आध्यात्मिक(spiritual) स्तर से भी मजबूत होते चले जाते हैं. यानि एक ऐसी दशा हो जाती है आपकी जहां पर आप आंखें बंद कर आनंद का अनुभव कर सकते हैं. जबकि सामन्य लोगों को आप यदि कह दीजिए की आपनी आंखे कुछ देर के लिए बंद कर दें तो वो काफी विचलित हो जाएगा. यानि योगासन का प्रभाव शरीर(Body), मन(Mind) और आध्यातम(spiritual) तीनों पर होता है ताकि आप जीवन की परिपूर्णता को उपलब्ध हो सकें.