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03/10/2025 12:16 am

स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा है भुजंगासन….जानिए कैसे करे

स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा है भुजंगासन….जानिए कैसे करे

आजकल का हमसब कम से कम चलते फिरते हैं, इसके चलते हम एक स्थान पर कई घंटों तक बैठे रहते हैं. ऐसे अनेक लोग हैं जिनकी बैठने वाली नौकरी है और जिसमें उन्हें सुबह से शाम तक घंटो बैठकर ही काम करना होता है. इस बैठे-बैठे की जाने वाली नौकरी को बेहद आरामदायक समझा जाता है, लेकिन काफी देर तक बैठे रहने से इसके कई नुकसान भी हो जाते हैं. लगातार बैठे रहने से लोगों को कम उम्र से ही कमर में दर्द, गर्दन में दर्द और वजन बढ़ने जैसी दिक्कतों से दोचार होना पड़ता है. ऐसे में भुजंगासन (Bhujangasana) इसका उपचार है. यह आसन कोई भी आराम से कर सकता है. इसके करने से बीमारी दूर रहता है, वजन कम करने में मददगार है और शरीर में होने वाले दर्द को दूर करता है.

सांप जैसा पॉस्चर
इस आसन में शरीर की आकृति फन उठाए हुए भुजंग अर्थात सर्प जैसी बनती है इसीलिए इसको भुजंगासन या सर्पासन (संस्कृत: भुजङ्गसन) कहा जाता है। भुजंगा, जिसे इंग्लिश में कोबरा कहते है और चूंकि यह दिखने में फन फैलाए एक सांप जैसा पॉस्चर बनता है इसलिए इसका नाम भुजंगासन रखा गया है। इसके लिए पेट के बल जमीन पर लेट जाएं। अब दोनों हाथ के सहारे शरीर के कमर से ऊपरी हिस्से को ऊपर की तरफ उठाएं, लेकिन कोहनी आपकी मुड़ी होनी चाहिए। हथेली खुली और जमीन पर फैली हो। अब शरीर के बाकी हिस्से को बिना हिलाए-डुलाए चेहरे को बिल्कुल ऊपर की ओर करें। कुछ समय के लिए इस पॉस्चर को यूं ही रखें।

भुजंगासन की विधि
भुजंगासन करने के लिए पहले पेट के बल लेटें। हाथों को कंधों के स्तर पर रखें और धीरे-धीरे ऊपरी शरीर को ऊपर उठाएं, जबकि निचला हिस्सा जमीन पर रहेगा। हर स्थिति में नाभि को ज़मीन से 30 सेंटीमीटर ही ऊपर उठना चाहिए| ज़्यादा नहीं अन्यथा कमर भी उठ जाएगी| इस स्थिति में आम तौर पर कोहनी सीधी नहीं होगी| ऐसा बलपूर्वक करना भी नहीं चाहिए अन्यथा कंधे ऊपर की ओर उठ जाएँगे| बल्कि अंत की अवस्था में कंधे पीधे की ओर खींचना चाहिए और आकाश की ओर देखना चाहिए| इस स्थिति में 15-30 सेकंड तक रह सकते हैं। इसे आप 8 से 10 बार कर सकते हैं. यह आसन न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है, बल्कि मानसिक स्थिति को भी बेहतर करता है।

1-रीढ़ की हड्डी की मजबूती:
इस आसन को करने से रीढ़ की हड्डी को लचीला और मजबूत बनाता है, जिससे पीठ दर्द में राहत मिलती है। लंबे समय तक बैठे रहने के चलते पीठ दर्द या कमर दर्द होता है इसके करने से काफी राहत मिलती है.

2-फेफड़ों की क्षमता में सुधार:
भुजंगासन को लगातार करते रहने से इसका प्रभाव कमर के साथ साथ फेफड़ों पर भी पड़ता है. इसके करने से फेफडे काफी मजबूत होता है और श्वसन क्रिया में सुधार होता है।

3-पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है:
भुजंगासन का प्रभाव पीठ के साथ साथ पेट पर भी होता है. यह आसन आंतों के संकुचन को बढ़ाता है, जिससे पाचन प्रक्रिया में सुधार होता है।

4-तनाव और चिंता में कमी:
भुजंगासन मानसिक शांति और ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। क्योंकि जब यह आसन करते हैं तो हमारा ध्यान दोनों भांवों के मध्य रहता है. जिससे हम एकाग्र भी रहते है.

5-हार्मोनल संतुलन:
यदि किसी कारण से शरीर के हार्मोन में असंतुलन है तो यह आसन शरीर के हार्मोनल स्तर को संतुलित करने में सहायक होता है।

6-ऊर्जा बढ़ाता है:
भुजंगासन करने से ऊर्जा स्तर में वृद्धि होती है, जिससे थकान कम होती है। जब आप इस आसन को दिन में एक बार भी करते हैं तो आपके शरीर में ऊर्जा का संचार होता है.

7-मासिक धर्म के लक्षणों में राहत:
महिलाओं के लिए यह आसन मासिक धर्म के दौरान होने वाली समस्याओं को कम करता है।

8-छाती और कंधों को मजबूत करता है:
यह आसन छाती और कंधों के मांसपेशियों को मजबूत करता है, जिससे शरीर की मुद्रा में सुधार होता है।

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