आज की तेज़‑तर्रार जिंदगी में, हम सभी को अतिरिक्त समय मिलना मुश्किल है। लेकिन सोचिए—a सिर्फ 5 मिनट का ऐसा आसन हो, जो आपकी पीठ, पैरों, मानसिक शांति और परिसंचरण पर गहरा प्रभाव डाल सके। दीवार के सहारे पैर ऊपर उठाकर बैक में लेटकर करने वाला यह आसन—जिसे योग में वाइपरीता करानी (Viparita Karani) या लेग अप द वॉल पोज़ भी कहते हैं—इतना सरल और सर्वोत्तम है कि इसे किसी भी उम्र, फिटनेस स्तर या बीमारी में आसानी से अपनाया जा सकता है। तो आइए जानते हैं इस आसन से जुड़े 10 बड़े फायदे और किस तरह इसे करना चाहिए:
यह आसन कैसे करें?
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दीवार के पास पीठ के बल लेट जाएँ।
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शोल्ढर लगभग दीवार से 10-15 सेमी दूर, कूल्हे को दीवार के सिरे के करीब रखें।
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पैरों को दीवार पर सीधा रखकर 90° का कोण बनाएँ।
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हाथ आराम से शरीर के दोनों ओर खोल दें या पेट पर रखें।
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आंखें बंद कर लें, गहरी सांस लें और इस स्थिति में 5 मिनट तक विश्राम करें।
10 चमत्कारी स्वास्थ्य लाभ
1. थकान और तनाव में राहत
जब हम अपने पैरों को दीवार पर ऊपर रखते हैं, तो पैर और एंकल से वापस दिल तक रक्त प्रवाह आसान हो जाता है। इससे शरीर से तनाव, थकान और वज़न उठाने का अहसास दूर होता है।
2. शारीरिक परिसंचरण में सुधार
पैरों से नीचे की ओर हीटब्लड (नसों में हरीस्राव) रुकता नहीं; उल्टा पैर उठाते ही परिसंचरण बेहतर होता है। यह एडीमा यानी सूजन और भारीपन को कम करता है।
3. पीठ दर्द को करे आराम
रीढ़ और नितंब पर पड़ने वाला भार कम होने से कमर के निचले हिस्से को तुरंत आराम मिलता है। नियमित अभ्यास से सैक्रोइलिएक, सियाटिका व मसल्स तनाव में भी राहत मिलती है।
4. उल्टा देने से तनाव कम
गहन विश्राम, धीमी सांस और उल्टा आसन—तीनों मिलकर शरीर में तनाव हार्मोन (कॉर्टिसोल) को घटाते हैं और मानसिक शांति दिलाते हैं।
5. नींद बेहतर बनाता है
रात में यह आसन करने से सर्कैडियन रिद्म बेहतर बनता है। थकान कम होती है, मानसिक तनाव मिटता है और नींद गहरी आती है।
6. डायबिटीज और हाई बीपी पर सहायक
5 मिनट का रिलैक्स वाइपरीता करानी ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखता है। इससे इंसुलिन रिस्पॉन्स बेहतर बनता है और ग्लूकोज स्तर संतुलित होता है।
7. पाचन में सुधार
इस स्थिति में लेटने से पेट की मसल्स रिलैक्स होती है। गैस, एसिडिटी और कब्ज जैसी समस्याएँ दूर होती हैं।
8. मांसपेशियों और जॉइंट्स में लचीलापन
पैरों और नितंब के स्नायु-पिंडों को कुछ मिनटों में ही आराम देता है। जोडों में लचीलापन आता है और कठोरता हटती है।
9. हार्ट-हेल्थ में सुधार
नियमित रूप से यह आसन करने से कार्डियोवस्कुलर सिस्टम बेहतर होता है। दर्द, अतिरिक्त चर्बी, सूजन और दिल के वॉल्व से सम्बंधित परेशानियां कम होती हैं।
10. मेडिटेशन की तैयारी
यह शरीर और मस्तिष्क दोनों को शांत करता है। सांस धीमी होती है और ध्यान गहरा बनता है, जो भरा जीवन में मानसिक शक्ति को बढ़ावा देती है।
कौन कर सकता है?
यह आसन लगभग सभी कर सकते हैं—चाहे वो ऑफिस वर्कर हो, बुजुर्ग हों, डायबिटिक मरीज हों या तनावग्रस्त आधुनिक जीवन वाले व्यक्ति हों। इससे जोड़ों तथा कमज़ोर मांसपेशियों वाले लोग भी लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
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डॉ. हंसराज जोशी (योग विशेषज्ञ):
“Viparita Karani सिर्फ आसन नहीं, एक मानसिक विश्राम तकनीक है जो दिनभर की थकान, तनाव और मानसिक खलल मिटाती है।”
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डॉ. मीना अग्रवाल (फिजियोथेरेपिस्ट):
“पैर ऊपर रखकर 5 मिनट लेटने से पैरों का वजन कम महसूस होता है—यह उनकी मसल्स और नसों को तुरंत आराम देता है।”
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डॉ. विवेक त्रिपाठी (मनोवैज्ञानिक):
“रिलैक्स आसन और गहरी साँसें तनाव हार्मोन घटाती हैं—इससे नींद बेहतर होती है और मूड भी सुधरता है।”
कैसे इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएँ?
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सुबह या शाम के वक्त नियमित करें।
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आरामदायक चटाई और ढीले कपड़े पहनें।
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आरंभ में 3 मिनट रखें, धीरे-धीरे 5 तक बढ़ाएँ।
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गहरी साँस लें—दो सेकंड में इनहेल और चार सेकंड में एक्सहेल।
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उठने के लिए पैरों को धीरे नीचे रखें, जगह बदलें और अर्ध-शवासन मुद्रा में कुछ क्षण रहें।
निष्कर्ष
दीवार समर्थित 5‑मिनट का Viparita Karani आसन सिर्फ एक सौम्य योग अभ्यास नहीं—यह आपके जीवन सुधार का छोटा लेकिन शक्तिशाली कदम है। इसके नियमित अभ्यास से आप पाएंगे:
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तनाव और थकान में कमी
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बेहतर परिसंचरण
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कमर-वोसी कमज़ो़री
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नींद व मूड में सुधार
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रक्तचाप, डायबिटीज और पाचन में लाभ
तो आज ही इसे अपनाएं—और कम समय में, बड़ी राहत पाएँ।
