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02/10/2025 6:31 pm

बनारसी राई की हरी चटनी – स्वाद और सेहत का संगम

भारतीय भोजन की थाली बिना चटनी के अधूरी मानी जाती है। चाहे पराठा हो, दाल-चावल या कोई भी नाश्ता, चटनी का तड़का स्वाद को कई गुना बढ़ा देता है। आमतौर पर लोग धनिया, पुदीना या टमाटर की चटनी का सेवन करते हैं, लेकिन बनारसी राई की हरी चटनी का स्वाद ही निराला है। यह चटनी न केवल खाने का मज़ा बढ़ाती है बल्कि सेहत का भी खजाना अपने भीतर समेटे हुए है। बनारस की गलियों से निकलकर अब यह चटनी पूरे देश में लोगों की पसंद बनती जा रही है।

बनारसी राई की हरी चटनी कैसे बनती है

इस चटनी की सबसे खास बात है कि इसे बनाना बेहद आसान है और सामग्री भी हर घर की रसोई में मौजूद रहती है। एक कप हरे धनिए की पत्तियां, दो हरी मिर्च, चार से पांच लहसुन की कलियां, आधे नींबू का रस, स्वादानुसार नमक और लगभग दो चम्मच बनारसी राई के दाने लेकर मिक्सर में बारीक पीस लिया जाता है। अगर चटनी को और लजीज बनाना हो तो इसके ऊपर आधा चम्मच सरसों का तेल डाल दीजिए। यह एक छोटा सा बदलाव चटनी में असली बनारसी ठसक ले आता है।

स्वाद का अद्भुत मेल

इस चटनी का स्वाद तीखा, चटपटा और सुगंध से भरपूर होता है। हरी मिर्च और लहसुन जहां इसमें तिखापन और गहराई लाते हैं, वहीं नींबू का रस इसे हल्की खट्टास और फ्रेशनेस देता है। लेकिन इसकी जान है बनारसी राई, जिसकी खुशबू और चटखदार स्वाद खाने वाले को तुरंत आकर्षित कर लेता है। चाहे आप इसे गरमा-गरम पराठों के साथ खाइए या फिर दाल-चावल में डालकर स्वाद लीजिए, यह हर व्यंजन को खास बना देती है।

सेहत के लिए फायदेमंद

वैसे तो आजकल पैकेट बंद चटनी भी मिलने लगी है लेकिन घर का बनाया ये चटनी आपको इतना फायदा देगा शायद आप इसका अंदाज भी नहीं लगा पाए होंगे. यह चटनी सिर्फ स्वाद तक सीमित नहीं है बल्कि स्वास्थ्य लाभ से भी भरपूर है। धनिया पाचन तंत्र को मजबूत करता है और शरीर को डिटॉक्स करने का काम करता है। लहसुन गैस और कब्ज की समस्या को दूर करता है और शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। नींबू विटामिन-सी का अच्छा स्रोत है, जो त्वचा और इम्यून सिस्टम के लिए जरूरी है। वहीं, बनारसी राई के दाने भूख बढ़ाने, पेट की गड़बड़ी दूर करने और पाचन शक्ति को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। यही कारण है कि यह चटनी भोजन को सिर्फ स्वादिष्ट नहीं बल्कि सेहतमंद भी बना देती है।

क्यों है खास बनारसी राई की चटनी

हर क्षेत्र की अपनी एक पहचान होती है और बनारस की यह चटनी उसी पहचान का हिस्सा है। इसके स्वाद में एक अलग देसीपन और अपनापन झलकता है। आमतौर पर लोग मसालेदार भोजन या तैलीय व्यंजनों के साथ इसे खाते हैं ताकि भोजन जल्दी पच सके। हफ्ते में दो से तीन बार इस चटनी को बनाकर खाने से न केवल भूख अच्छी लगती है बल्कि शरीर हल्का और तरोताजा महसूस करता है।

स्वाद और सेहत

अगर कभी खाने में मज़ा न आए तो इस बनारसी राई की हरी चटनी को बनाकर देखिए। यह साधारण सी दिखने वाली चटनी आपकी थाली को खास बना देगी। स्वाद और सेहत का ऐसा मेल आपको कहीं और नहीं मिलेगा। तो अगली बार जब भी घर में पराठे, दाल-चावल या समोसा बने, इस चटनी को जरूर आज़माइए।

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