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June 19, 2025 6:29 pm

Yoga Tips-रीढ़, पीठ और रक्त संचार में सुधार करता है ये आसन

ज्येष्ठिकासन (Jyestikasana) योग का एक सरल और प्रभावी आसन है, जिसे विश्राम के लिए किया जाता है। यह आसन शरीर को गहरी शांति प्रदान करता है और मानसिक तनाव को कम करने में सहायक है। इसे अक्सर योग सत्र के अंत में किया जाता है, ताकि शरीर और मन को आराम मिल सके।

ज्येष्ठिकासन करने की विधि

  1. शुरुआत की स्थिति:
    • योगा मैट पर पेट के बल लेट जाएं।
    • पैर सीधे रखें और पंजे बाहर की ओर ढीले छोड़ दें।
  2. आसन की प्रक्रिया:
    • अपने दोनों हाथों को सामने की ओर लाएं और हथेलियों को एक के ऊपर एक रखें।
    • अपनी ठोड़ी या माथे को इन हथेलियों पर आराम से टिकाएं।
    • पूरे शरीर को ढीला छोड़ दें और गहरी सांसें लें।
  3. विश्राम मुद्रा:
    • आंखें बंद करें और ध्यान को अपनी सांसों पर केंद्रित करें।
    • इस स्थिति में 3-5 मिनट तक रुकें।
    • शरीर और मन को पूरी तरह से आराम दें।
  4. आसन से बाहर निकलना:
    • धीरे-धीरे हाथों को वापस शरीर के बगल में लाएं।
    • माथे को नीचे की ओर करें और कुछ देर के लिए शांत मुद्रा में लेटे रहें।

ज्येष्ठिकासन के लाभ

1. मानसिक शांति:

  • यह आसन तनाव और चिंता को कम करता है।
  • मन को शांत करता है और ध्यान के लिए तैयार करता है।

2. रीढ़ और पीठ के लिए लाभकारी:

  • पीठ की मांसपेशियों को आराम देता है और दर्द को कम करता है।
  • स्लिप डिस्क और सायटिका जैसी समस्याओं में सहायक है।

3. रक्त संचार में सुधार:

  • शरीर के हर हिस्से में रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है।
  • थकान और कमजोरी को दूर करता है।

4. पाचन तंत्र को सक्रिय करता है:

  • पेट के अंगों को आराम देकर पाचन को बेहतर करता है।
  • कब्ज और अपच जैसी समस्याओं में फायदेमंद है।

5. योगाभ्यास के बीच में विश्राम:

  • यह आसन शरीर को आराम देने के लिए किया जाता है, ताकि आगे के अभ्यास के लिए ऊर्जा मिले।

सावधानियां

  1. गर्भवती महिलाएं इसे न करें।
  2. पेट की सर्जरी के तुरंत बाद इसे करने से बचें।
  3. सांस लेते समय अधिक जोर न डालें; सहज और प्राकृतिक सांस लें।
  4. इसे साफ और शांत जगह पर करें।

विशेष टिप्स

  • इसे प्राणायाम या ध्यान से पहले करें, ताकि मन को शांत किया जा सके।
  • सुबह के समय या जब भी आप थका हुआ महसूस करें, इस आसन का अभ्यास करें।
  • लंबी गहरी सांसें लेने का अभ्यास करें, ताकि शरीर को अधिक ऑक्सीजन मिले।

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