आचार भारत में एक प्राचीन परंपरा है, जिसका महत्व हमारे भोजन और स्वास्थ्य में हजारों वर्षों से बना हुआ है। देश के सारे राज्यों में आचार का उपयोग किया जाता है. आचार न केवल भोजन का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि कई तरह के स्वास्थ्य लाभ भी देता है। आचार में मौजूद प्रोबायोटिक्स, एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन्स, और मिनरल्स शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं, पाचन तंत्र को स्वस्थ रखते हैं और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव करते हैं। हालाँकि, आचार का सेवन संतुलित मात्रा में ही करना चाहिए. चलिए, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझते हैं कि आचार खाने के क्या-क्या फायदे हो सकते हैं।
आचार में मौजूद प्रोबायोटिक्स
अधिकांश आचार को प्राकृतिक तरीके से खमीर उठाने की प्रक्रिया से तैयार किया जाता है, जिससे उनमें लाभकारी बैक्टीरिया (प्रोबायोटिक्स) उत्पन्न होते हैं। ये प्रोबायोटिक्स पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं, क्योंकि वे आंतों में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देते हैं। इसके परिणामस्वरूप पाचन अच्छा रहता है, कब्ज की समस्या दूर होती है, और आंतों में संक्रमण का खतरा कम हो जाता है।
प्रतिरोधक क्षमता में सुधार
प्रोबायोटिक्स युक्त आचार हमारे इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाता है। अच्छे बैक्टीरिया शरीर में बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ाते हैं। इसके अलावा, आचार में डाले गए मसाले, जैसे हल्दी, अदरक, सरसों आदि, में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो शरीर में हानिकारक फ्री-रेडिकल्स को निष्क्रिय करने में मदद करते हैं। इससे शरीर को संक्रमणों से बचाव होता है और प्रतिरक्षा तंत्र बेहतर कार्य करता है।
विटामिन और मिनरल्स का अच्छा स्रोत
आचार में विभिन्न प्रकार की सब्जियाँ और फल इस्तेमाल होते हैं, जैसे कि आम, नींबू, गाजर, आंवला, आदि, जो विभिन्न प्रकार के विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होते हैं। उदाहरण के लिए, आंवला का आचार विटामिन सी का अच्छा स्रोत है, जो शरीर में एंटीऑक्सीडेंट का काम करता है और प्रतिरक्षा को बढ़ावा देता है। इसके अलावा, अन्य मसाले भी कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन और पोटैशियम जैसे मिनरल्स का स्रोत होते हैं जो शरीर के लिए आवश्यक हैं।
भूख बढ़ाने और पाचन में सहायक
आचार में उपस्थित खट्टा और तीखा स्वाद हमारी लार ग्रंथियों को सक्रिय करता है, जिससे लार का स्राव बढ़ता है और पाचन एंजाइम सक्रिय होते हैं। ये एंजाइम भोजन के टूटने और अवशोषण में सहायता करते हैं। इसके अलावा, आचार का चटपटा स्वाद भूख को बढ़ाने का काम करता है, जिससे भोजन को बेहतर तरीके से पचाया जा सकता है और पोषक तत्वों का अधिकतम अवशोषण होता है।
एंटीमाइक्रोबियल गुण
आचार में डाले गए मसाले, जैसे सरसों, हल्दी, मेथी और सौंफ, में प्राकृतिक एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं। ये मसाले आचार को लंबे समय तक ताजा बनाए रखते हैं और इसमें फंगल या बैक्टीरियल संक्रमण नहीं होने देते। यह विशेषता हमारे पाचन तंत्र के लिए भी लाभकारी होती है, क्योंकि ये मसाले शरीर में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट कर सकते हैं और अच्छे बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा देते हैं।
एंटीऑक्सीडेंट की भरमार
आचार में इस्तेमाल किए गए मसालों में एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो शरीर में फ्री-रेडिकल्स से लड़ने में सहायक होते हैं। ये फ्री-रेडिकल्स हमारे शरीर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे उम्र बढ़ने की प्रक्रिया तेज होती है और कई तरह की बीमारियों का खतरा रहता है। एंटीऑक्सीडेंट्स का सेवन करने से कोशिकाओं की उम्र लंबी होती है और व्यक्ति अधिक स्वस्थ महसूस करता है।
रक्तचाप को संतुलित करने में सहायक
कुछ प्रकार के आचार, जैसे कि नींबू और गाजर का आचार, में पोटैशियम की अच्छी मात्रा होती है। पोटैशियम शरीर में सोडियम के स्तर को संतुलित करता है, जिससे रक्तचाप सामान्य रहता है। हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों के लिए ये लाभकारी हो सकता है, क्योंकि इससे रक्तचाप का स्तर स्थिर रहता है।
मधुमेह में फायदेमंद
वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार, सरसों और मेथी के बीज से बने आचार का सेवन मधुमेह के रोगियों के लिए लाभकारी हो सकता है। इनमें उपस्थित यौगिक रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, आचार में उपयोग किए गए मसालों का सेवन धीरे-धीरे कार्बोहाइड्रेट्स के अवशोषण को नियंत्रित करता है, जिससे रक्त शर्करा के स्तर में अचानक वृद्धि नहीं होती है।
