उत्पन्ना एकादशी का महत्व पुराणों में बहुत ही खास माना गया है। मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु के अंश से देवी एकादशी की उत्पत्ति हुई थीं, इसलिए इसे उत्पन्ना एकादशी कहते हैं। इस व्रत को करने से आपके जीवन में अधूरी पड़ी सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं और आपके जीवन में सुख समृद्धि बढ़ने के साथ ही संतान पाने की इच्छा पूर्ण होती है।
सुख और सौभाग्य की प्राप्ति
पौराणिक कथाओं में बताया गया है कि एक बार भगवान विष्णु योग निद्रा में सो रहे थे, तभी मुर नामक एक दैत्य उन पर आक्रमण करने ही वाला था कि विष्णुजी के शरीर से एक दिव्य स्वरूपा देवी की उत्पत्ति हुई। उन्होंने युद्ध में मुर नामक दैत्य का वध कर दिया। इससे प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने देवी को एकादशी नाम दिया और वरदान भी दिया कि देवी एकादशी की पूजा करने वाले और उनका व्रत करने वालों को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होगी। तभी से एकादशी का व्रत रखा जाता है और मां एकादशी के साथ भगवान विष्णु की पूजा भी की जाती है।
