Explore

Search

June 19, 2025 7:10 am

कहीं आपकी आंखे भी तो नहीं हो रही है ग्लूकोमा का शिकार?

आंखें हमारे शरीर का सबसे संवेदनशील और महत्वपूर्ण अंग हैं, और इनकी देखभाल करना अत्यंत आवश्यक है। आंखों की विभिन्न समस्याओं में ग्लूकोमा (Glaucoma) सबसे गंभीर मानी जाती है। यह एक ऐसी स्थिति है जो समय पर इलाज न होने पर स्थायी अंधापन का कारण बन सकती है। ग्लूकोमा को “साइलेंट थीफ ऑफ विज़न” भी कहा जाता है क्योंकि यह धीरे-धीरे दृष्टि को प्रभावित करता है, और प्रारंभिक अवस्था में इसके लक्षण दिखाई नहीं देते। आइए, इस बीमारी को विस्तार से समझें।

ग्लूकोमा क्या है?

ग्लूकोमा एक ऐसी नेत्र रोग स्थिति है जिसमें आंख के अंदर दबाव (इंट्राओकुलर प्रेशर) बढ़ जाता है। यह दबाव ऑप्टिक नर्व (दृष्टि तंत्रिका) को क्षतिग्रस्त कर सकता है। ऑप्टिक नर्व वह मुख्य नर्व है जो आंखों से मस्तिष्क तक दृष्टि संबंधी संकेत पहुंचाती है। यदि इस नर्व को गंभीर क्षति पहुंचती है, तो यह स्थायी अंधेपन का कारण बन सकती है।

ग्लूकोमा दो प्रमुख प्रकार के होते हैं:

  1. ओपन-एंगल ग्लूकोमा: यह सबसे आम प्रकार है, जिसमें आंखों का तरल पदार्थ धीरे-धीरे बाहर नहीं निकल पाता।
  2. क्लोज्ड-एंगल ग्लूकोमा: यह अधिक तीव्र और दर्दनाक होता है और तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता होती है।

ग्लूकोमा क्यों होता है?

ग्लूकोमा का मुख्य कारण आंख के अंदर द्रव (एक्वियस ह्यूमर) का असामान्य रूप से बढ़ा हुआ दबाव है। सामान्य रूप से यह द्रव आंख से बाहर निकलकर दबाव को नियंत्रित करता है, लेकिन यदि यह प्रवाह अवरुद्ध हो जाए, तो दबाव बढ़ जाता है।

ग्लूकोमा के अन्य कारण:

  1. आनुवंशिकता (Genetics): परिवार में ग्लूकोमा का इतिहास होने पर इसका जोखिम अधिक होता है।
  2. उम्र: 40 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में यह अधिक होता है।
  3. डायबिटीज और उच्च रक्तचाप: ये स्थितियां ग्लूकोमा के जोखिम को बढ़ा सकती हैं।
  4. आंख की चोट: आंख में चोट लगने से ग्लूकोमा हो सकता है।
  5. लंबे समय तक स्टेरॉयड का उपयोग: स्टेरॉयड युक्त दवाओं का अत्यधिक उपयोग भी इस रोग का कारण बन सकता है।

ग्लूकोमा के लक्षण

ग्लूकोमा के शुरुआती चरण में कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते, लेकिन इसके कुछ सामान्य संकेत निम्न हो सकते हैं:

  • दृष्टि का धीरे-धीरे कम होना।
  • सिर दर्द और आंखों में भारीपन।
  • परिधीय (साइड) दृष्टि का खो जाना।
  • रात के समय दृष्टि में कठिनाई।
  • प्रकाश के चारों ओर चमकदार रिंग दिखाई देना।
  • गंभीर मामलों में आंखों में तेज दर्द और लालिमा।

ग्लूकोमा से बचाव के तरीके

1. नियमित आंखों की जांच

ग्लूकोमा का पता शुरुआती अवस्था में लगाना सबसे महत्वपूर्ण है। 40 वर्ष की आयु के बाद हर 1-2 साल में आंखों की जांच कराएं।

2. स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं

  • पोषक तत्वों से भरपूर आहार लें जिसमें हरी सब्जियां, गाजर, और विटामिन ए हो।
  • नियमित व्यायाम करें, जिससे आंखों और शरीर में रक्त प्रवाह बेहतर हो।

3. रक्तचाप और शुगर को नियंत्रित रखें

उच्च रक्तचाप और मधुमेह ग्लूकोमा के मुख्य कारण हो सकते हैं। इन पर नियंत्रण रखें।

4. आंखों को चोट से बचाएं

खेल या अन्य जोखिम भरे कार्य करते समय सुरक्षात्मक चश्मे का उपयोग करें।

5. स्टेरॉयड का सावधानीपूर्वक उपयोग

डॉक्टर की सलाह के बिना स्टेरॉयड का उपयोग न करें।

6. चिकित्सा और सर्जरी

यदि ग्लूकोमा का निदान हो चुका है, तो दवाइयों, लेजर या सर्जरी द्वारा इसका इलाज संभव है। डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें।

Leave a Comment