नंगे पैर चलना, जिसे अंग्रेज़ी में “ग्राउंडिंग” या “अर्थिंग” कहा जाता है, स्वास्थ्य के लिए कई लाभ प्रदान करता है। यह न केवल पैरों की ताकत और संतुलन को बढ़ाता है, बल्कि पूरे शरीर पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी नंगे पैर चलने के कई फायदे हैं।
1. रक्त संचार में सुधार
जब हम नंगे पैर चलते हैं, तो हमारे पैरों की नसों और मांसपेशियों को अधिक सक्रियता मिलती है, जिससे रक्त प्रवाह बेहतर होता है। इससे शरीर के विभिन्न अंगों तक ऑक्सीजन और पोषक तत्व सही मात्रा में पहुंचते हैं, जिससे हृदय स्वास्थ्य में सुधार होता है।
2. तंत्रिका तंत्र को सशक्त बनाना
हमारे पैरों के तलवों में कई तंत्रिका अंत होते हैं जो नंगे पैर चलने से सक्रिय होते हैं। यह मस्तिष्क को बेहतर संकेत भेजने में मदद करता है, जिससे न्यूरोलॉजिकल स्वास्थ्य बेहतर होता है और शरीर का समन्वय (coordination) मजबूत होता है।
3. एक्यूप्रेशर का लाभ
पैरों के तलवे में कई महत्वपूर्ण बिंदु होते हैं जो शरीर के विभिन्न अंगों से जुड़े होते हैं। जब हम नंगे पैर चलते हैं, तो प्राकृतिक रूप से एक्यूप्रेशर प्रभाव पड़ता है, जिससे तनाव कम होता है, प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है, और शरीर में ऊर्जा का संचार बढ़ता है।
4. जोड़ों और रीढ़ की हड्डी के लिए लाभदायक
जूते पहनकर चलने से अक्सर शरीर का प्राकृतिक संरेखण (alignment) बिगड़ सकता है, जिससे घुटनों, कूल्हों और रीढ़ की हड्डी पर अधिक दबाव पड़ता है। नंगे पैर चलने से यह समस्या कम होती है और शरीर के प्राकृतिक ढांचे को बनाए रखने में मदद मिलती है।
5. इलेक्ट्रॉनों का आदान-प्रदान (Grounding Effect)
वैज्ञानिकों के अनुसार, पृथ्वी की सतह पर नकारात्मक चार्ज वाले इलेक्ट्रॉन मौजूद होते हैं। जब हम नंगे पैर धरती पर चलते हैं, तो ये इलेक्ट्रॉन हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हैं। इससे सूजन कम होती है, नींद में सुधार होता है, और मानसिक तनाव कम होता है।
6. मानसिक स्वास्थ्य में सुधार
प्राकृतिक सतहों (जैसे घास, मिट्टी, रेत) पर नंगे पैर चलने से डोपामाइन और सेरोटोनिन जैसे “खुशी” वाले हार्मोन का स्तर बढ़ता है। यह अवसाद और चिंता को कम करने में सहायक होता है।
अगर कोई व्यक्ति नंगे पैर नहीं चलता है तो क्या नुकसान हो सकते हैं?
- कमजोर मांसपेशियां और संतुलन – पैरों की प्राकृतिक ताकत और संतुलन घट सकता है।
- रक्त संचार में कमी – जूते पहनकर चलने से रक्त प्रवाह बाधित हो सकता है, जिससे पैरों में सूजन या थकान बढ़ सकती है।
- जोड़ों और रीढ़ की समस्याएं – गलत फुटवियर से घुटनों और पीठ में दर्द की समस्या हो सकती है।
- तंत्रिका तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव – नंगे पैर न चलने से पैरों की नसें सुस्त हो सकती हैं, जिससे संवेदनशीलता कम हो सकती है।
- मानसिक स्वास्थ्य पर असर – प्रकृति से कम संपर्क के कारण मानसिक तनाव बढ़ सकता है।
निष्कर्ष
नंगे पैर चलना एक सरल और प्रभावी तरीका है जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। यह रक्त संचार को बढ़ाने, तंत्रिका तंत्र को मजबूत करने और शरीर के प्राकृतिक संरेखण को बनाए रखने में सहायक होता है। यदि कोई व्यक्ति हमेशा जूते पहनकर चलता है, तो उसे इन लाभों से वंचित रहना पड़ सकता है। इसलिए, नियमित रूप से घास, मिट्टी या रेत पर नंगे पैर चलने की आदत डालनी चाहिए।
