बिहार के सीतामढ़ी में एक महिला द्वारा एक साथ चार बच्चों को जन्म देना एक दुर्लभ और आश्चर्यजनक घटना है, जिसे चिकित्सा विज्ञान में “क्वाड्रुप्लेट्स” (Quadruplets) कहा जाता है। यह घटना प्राकृतिक रूप से भी हो सकती है, लेकिन अक्सर यह फ़र्टिलिटी ट्रीटमेंट या आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) जैसी तकनीकों के परिणामस्वरूप होती है। समझते हैं कि यह कैसे संभव होता है और इसके पीछे का विज्ञान क्या है।
गर्भधारण का सामान्य प्रक्रिया
आमतौर पर, एक महिला के अंडाशय से हर महीने एक अंडाणु निकलता है, जो पुरुष के शुक्राणु से निषेचित होकर भ्रूण बनाता है। यह भ्रूण गर्भाशय में प्रत्यारोपित होता है और धीरे-धीरे विकसित होता है। सामान्य परिस्थिति में एक ही भ्रूण विकसित होता है, जो एक बच्चे का जन्म देता है। लेकिन कुछ मामलों में एक से अधिक अंडाणु निषेचित हो जाते हैं, या एक ही अंडाणु विभाजित होकर दो या अधिक भ्रूण बना सकता है, जिससे जुड़वा या उससे अधिक बच्चे हो सकते हैं।
एक साथ चार बच्चों का जन्म क्यों और कैसे?
चार बच्चों का एक साथ जन्म होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं:
- आईवीएफ और फ़र्टिलिटी ट्रीटमेंट: कई बार बांझपन के इलाज के लिए महिलाएं फ़र्टिलिटी उपचार जैसे आईवीएफ का सहारा लेती हैं। आईवीएफ में कई भ्रूण गर्भाशय में प्रत्यारोपित किए जाते हैं ताकि सफलता की संभावना बढ़े। कभी-कभी एक से अधिक भ्रूण प्रत्यारोपित हो जाते हैं, जिससे एक से अधिक बच्चे पैदा हो सकते हैं।
- स्वाभाविक रूप से जुड़वां या उससे अधिक बच्चे: कुछ महिलाओं में स्वाभाविक रूप से एक से अधिक अंडाणु निकलते हैं, जिसे ‘हाइपरओव्यूलेशन’ कहा जाता है। यदि इन अंडाणुओं का निषेचन हो जाता है, तो महिला के गर्भ में एक से अधिक बच्चे विकसित हो सकते हैं।
- विभाजित भ्रूण: कभी-कभी एक निषेचित अंडाणु विभाजित हो जाता है और एक से अधिक भ्रूण में बदल जाता है। इससे एक ही गर्भावस्था में जुड़वा, ट्रिप्लेट्स (तीन बच्चे), या क्वाड्रुप्लेट्स (चार बच्चे) हो सकते हैं।
- पारिवारिक इतिहास: कुछ मामलों में, महिलाओं के परिवार में जुड़वां बच्चों का इतिहास होता है, जिससे उनके एक से अधिक बच्चों को गर्भ में धारण करने की संभावना बढ़ जाती है।
क्वाड्रुप्लेट्स का चिकित्सा विज्ञान
जब कोई महिला एक से अधिक भ्रूण को गर्भ में धारण करती है, तो इसे “मल्टीपल प्रेगनेंसी” कहा जाता है। क्वाड्रुप्लेट्स का मामला एक बेहद दुर्लभ प्रकार की मल्टीपल प्रेगनेंसी होती है, जिसमें चार भ्रूण एक साथ विकसित होते हैं। यह स्थिति जटिलताओं के साथ आती है, जैसे कि गर्भावस्था का समय कम होना, शिशुओं का कम वजन होना, और महिला के स्वास्थ्य पर अधिक दबाव पड़ना। आमतौर पर ऐसी गर्भावस्था को अधिक चिकित्सकीय देखरेख की आवश्यकता होती है।
संभावित जटिलताएँ
चार बच्चों के गर्भवती होने पर महिला और बच्चों, दोनों के लिए जोखिम अधिक हो जाता है। कुछ प्रमुख जटिलताएँ निम्नलिखित हैं:
- प्रीमैच्योर बर्थ (असमय प्रसव): सामान्य गर्भावस्था की अवधि लगभग 40 सप्ताह होती है, लेकिन मल्टीपल प्रेगनेंसी में यह समय कम हो सकता है। क्वाड्रुप्लेट्स का जन्म अक्सर 30-32 सप्ताह के बीच होता है।
- लो बर्थ वेट (कम वजन वाले बच्चे): चार बच्चों के होने पर प्रत्येक बच्चे का वजन सामान्य से कम हो सकता है, जो नवजात शिशुओं के लिए स्वास्थ्य समस्याएँ पैदा कर सकता है, जैसे श्वास संबंधी समस्याएं, पाचन तंत्र की कमजोरी, और इम्यून सिस्टम का कमजोर होना।
- माँ के स्वास्थ्य पर असर: एक से अधिक बच्चे गर्भ में होने से माँ के शरीर पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। उसे उच्च रक्तचाप, गर्भावधि मधुमेह, और प्रीक्लेम्पसिया जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। इसलिए नियमित और विशेष चिकित्सकीय देखरेख अनिवार्य होती है।
