रांची- झारखंड का सबसे बड़ा राधा- कृष्ण मंदिर श्री कृष्ण प्रणामी सेवा- धाम मंदिर मे उद्घाटन के दूसरे दिन भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने मंदिर एवं शीश महल में विराजमान भगवान श्री राधा- कृष्ण का दर्शन कर आशीर्वाद लिया।
इंद्रियां शक्ति मन बुद्धि विचार शक्ति को हर लेती
श्री राधा- कृष्ण मंदिर मे दूसरे दिन श्री कृष्ण कथा के व्यास पीठ पर विराजमान संत शिरोमणि श्री स्वामी सदानंद महाराज ने भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि जो लोग विषय चिंतन में लगे रहते हैं उनकी इंद्रिय विषयों में फंस जाती है उनको उन्हीं की ओर खींच लेती है जैसे जलाशय के तीर पर उगे पेड़ आदि खेल खेलते हैं। उसी प्रकार इंद्रियां शक्ति मन बुद्धि विचार शक्ति को हर लेती है अतः सकारात्मक सोच के साथ चिंतन करें। महापुरुषों के संग प्राप्त ज्ञान रुप खड़क के द्वारा इस लोक में ही अपने मोह बंधन कार्ड डालना चाहिए। फिर भी श्री हरि की लीलाओं कथन और श्रवण से भगवती स्मृति बने रहने के कारण सुगमता से भगवत प्राप्ति कर सकते हैं।
पूरा मंदिर परिसर कृष्ण के जयकारों से गूंज उठा
महाराज जी ने भगवान श्री कृष्ण के प्रति गोपियों के हृदय में प्रेम का वर्णन करते हुए कहा कि उधर जैसे ज्ञानी को भी कहना पड़ा है गोपियों तो धन्य हो तुम्हारा जीवन सफल है तुम सारे संसार के लिए पूजनीय हो क्योंकि तुम लोगों के इस प्रकार भगवान श्री कृष्ण को अपना हृदय अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया है नंद बाबा के ब्रज में रहने वाले गोपाल मनाओ की चरण धूलि को मैं बार-बार प्रणाम करता हूं।भगवान श्री कृष्ण की बाल लीला सुनाते हुए कहा कि श्रीकृष्ण को जिस भाव से याद किया है वे उसी भाव में आकर गोप गोपियों को आनंद प्रदान किया भगवान तो अंतर्यामी है वह भक्तवत्सल यहां भक्तों की भावना समझते हैं वह भक्तों के बस में अनेक लीला करते हुए भक्तों का आनंदित किया दोस्तों को संसार करके धन की स्थापना की गिराज पर्वत उठाकर ब्रिज बुलाओ की इच्छा पूरी की कंस का उद्धार करके मथुरा से द्वारका वास किया। स्वामी मोहन प्रियाचार्य महाराज ने वाणी चर्चा में श्रीमद्भागवत गीता ज्ञान की चर्चा की तथा सुंदर भजन सरवन कराकर आनंद विभोर कर दिया।सुमधुर भजनों एवं मनमोहन झांकियां देखकर भक्तजन आनंद लेते हुए खूब झूमे, पूरा वातावरण भक्तिमय व कृष्णमय हो गया। आज भगवान श्री कृष्ण के जन्म के समय पूरा मंदिर परिसर कृष्ण के जयकारों से गूंज उठा।
