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June 19, 2025 1:01 am

डायबिटीज के मरीज अपने आंखों का रखे ख्याल…किस अस्पताल में इलाज के लिए करें संपर्क

डायबिटीज के कारण आंखों से संबंधित समस्याएं (Diabetic Eye Problems) गंभीर हो सकती हैं। इनमें सबसे आम समस्या डायबिटिक रेटिनोपैथी है, जो आंखों के रेटिना को प्रभावित करती है। इसके अलावा, डायबिटिक मैकुलर एडेमा, ग्लूकोमा, और मोतियाबिंद जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। यह समस्याएं रक्त शर्करा के स्तर को लंबे समय तक अनियंत्रित रखने से होती हैं।

1. डायबिटीज का आंखों पर प्रभाव:

  • डायबिटिक रेटिनोपैथी: उच्च रक्त शर्करा के कारण रेटिना की रक्त वाहिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। इससे रेटिना में रक्त और तरल पदार्थ का रिसाव हो सकता है।
  • रेटिना में ब्लीडिंग: अचानक रक्त शर्करा बढ़ने से आंखों की छोटी रक्त नलिकाएं फट सकती हैं, जिससे ब्लड आ सकता है।
  • मैकुलर एडेमा: रेटिना के केंद्रीय भाग (मैकुला) में सूजन हो सकती है, जिससे दृष्टि धुंधली हो जाती है।
  • ग्लूकोमा: आंखों के भीतर दबाव बढ़ने से ऑप्टिक नर्व को नुकसान हो सकता है।
  • मोतियाबिंद: डायबिटीज से ग्रसित लोगों में मोतियाबिंद जल्दी विकसित हो सकता है।

2. डायबिटीज से आंखों की समस्याओं का इलाज:

  • रेटिनोपैथी का इलाज:
    1. लेजर थेरपी (Laser Photocoagulation):
      • रेटिना की क्षतिग्रस्त रक्त वाहिकाओं को बंद करने के लिए लेजर का उपयोग किया जाता है। यह दृष्टि की हानि को रोकने में मदद करता है।
    2. विटरेक्टोमी (Vitrectomy):
      • यदि आंखों के अंदर रक्त भर गया हो, तो यह सर्जरी की जाती है। इसमें आंखों से खून और स्कार टिश्यू को हटा दिया जाता है।
    3. एंटी-VEGF इंजेक्शन:
      • यह इंजेक्शन रेटिना में नई और असामान्य रक्त वाहिकाओं के विकास को रोकते हैं। यह मैकुलर एडेमा में भी सहायक होता है।
  • मैकुलर एडेमा का इलाज:
    • एंटी-VEGF इंजेक्शन (जैसे कि बेवासिज़ुमैब, रैनिबिज़ुमैब) या स्टेरॉयड इंजेक्शन दिए जाते हैं।
    • लेजर थेरपी भी उपयोगी हो सकती है।
  • ग्लूकोमा का इलाज:
    • आंखों के दबाव को कम करने के लिए आई ड्रॉप्स, लेजर या सर्जरी की जाती है।
  • मोतियाबिंद का इलाज:
    • प्रभावित लेंस को हटाकर कृत्रिम लेंस लगाने के लिए सर्जरी की जाती है।

3. रोगी को इलाज के लिए कहां जाना चाहिए?

  • नेत्र चिकित्सक (Ophthalmologist): आंखों की समस्या के लिए विशेषज्ञ से परामर्श लें।
  • विशेषज्ञ अस्पताल: नीचे दिए गए अस्पताल डायबिटिक रेटिनोपैथी और आंखों की अन्य समस्याओं के लिए विशेष उपचार प्रदान करते हैं:
    1. AIIMS (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान), दिल्ली और अन्य शहरों में।
    2. L V Prasad Eye Institute (हैदराबाद, भुवनेश्वर, विशाखापट्टनम)।
    3. Sankara Nethralaya (चेन्नई, कोलकाता)।
    4. Aravind Eye Hospital (मदुरै, कोयंबटूर, चेन्नई)।
    5. Shroff Eye Hospital (दिल्ली और मुंबई)।
    6. Fortis Healthcare या Apollo Hospitals (देशभर में उपलब्ध)।
    7. Narayana Nethralaya (बेंगलुरु)।

4. आंखों की समस्याओं से बचाव:

  • ब्लड शुगर कंट्रोल: HbA1c स्तर को 7% से कम बनाए रखें।
  • ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करें।
  • नियमित नेत्र जांच: डायबिटीज के मरीजों को साल में कम से कम एक बार रेटिना की जांच करानी चाहिए।
  • धूम्रपान और अल्कोहल से बचें।
  • संतुलित आहार और व्यायाम: ताजे फल, सब्जियां, और साबुत अनाज का सेवन करें। नियमित शारीरिक गतिविधि करें।

 

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