ऐसा देखा गया है कि मधुमेह की तरह थाइरॉयड भी तेजी से बढ़ता जा रहा है. ऐसे में थाइरॉयड की दवा तो है लेकिन इसे खत्म करने का कोई उपाय नहीं है. ऐसे में रात में एक गिलास पानी में धनिया रातभर भींगाकर रखा जाता है. सुबह में उसे उबालकर आधा किया जाता है फिर ठंडा का पिया जाता है. इससे थाइरॉयड को नियंत्रण करने में काफी मदद मिलती है.
थाइरॉयड एक ग्रंथि है जो गर्दन में स्थित होती है और यह शरीर के मेटाबोलिज़्म, ऊर्जा उत्पादन और हार्मोनल संतुलन को नियंत्रित करती है। थाइरॉयड से संबंधित समस्याएं दो प्रकार की होती हैं:
- हाइपोथाइरॉयडिज्म (थाइरॉयड हार्मोन की कमी)
- हाइपरथाइरॉयडिज्म (थाइरॉयड हार्मोन की अधिकता)
धनिया के बीज को रातभर पानी में भिगोकर सुबह उबालकर पीने का उपाय आयुर्वेद में प्राचीन समय से उपयोग किया जा रहा है। यह उपाय थाइरॉयड को नियंत्रित करने के लिए उपयोगी बताया जाता है। इसके पीछे कुछ वैज्ञानिक और पारंपरिक कारण हो सकते हैं:
धनिया के बीज के गुण और थाइरॉयड पर इसका प्रभाव
धनिया के बीज में कई पोषक तत्व और गुणकारी तत्व होते हैं, जैसे:
- एंटी-ऑक्सिडेंट्स
धनिया के बीज में क्वेरसेटिन और ल्यूटोलिन जैसे एंटी-ऑक्सिडेंट होते हैं, जो कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाते हैं। थाइरॉयड ग्रंथि पर ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस का प्रभाव पड़ता है, और इसे कम करने में एंटी-ऑक्सिडेंट मददगार हो सकते हैं। - आयोडीन संतुलन
थाइरॉयड ग्रंथि के सही कार्य के लिए आयोडीन आवश्यक है। हालांकि धनिया में आयोडीन की अधिक मात्रा नहीं होती, लेकिन यह शरीर में आयोडीन के अवशोषण और उपयोग को सुधारने में मदद कर सकता है। - एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण
धनिया के बीज में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सूजन को कम करते हैं। हाशिमोटो थायरॉयडिटिस (Hashimoto’s Thyroiditis) जैसी थाइरॉयड समस्याओं में सूजन एक आम लक्षण है। - डिटॉक्सिफाइंग गुण
धनिया लिवर और किडनी को डिटॉक्स करने में मदद करता है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है, जिससे थाइरॉयड ग्रंथि की कार्यक्षमता बेहतर हो सकती है। - हॉर्मोनल बैलेंस
धनिया का सेवन शरीर में हॉर्मोनल असंतुलन को कम करने में सहायक हो सकता है, जिससे थाइरॉयड हार्मोन का स्तर नियंत्रित रहता है।
धनिया पानी को उबालने का कारण
रातभर भीगने के बाद धनिया के बीज के सक्रिय तत्व पानी में घुल जाते हैं। इसे उबालने से उनमें मौजूद फाइटोकेमिकल्स (जैसे एंटी-ऑक्सिडेंट्स और विटामिन्स) और अधिक सक्रिय हो जाते हैं। यह प्रक्रिया इन पोषक तत्वों को शरीर में अधिक प्रभावी तरीके से अवशोषित करने में मदद करती है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से प्रभाव
- मेटाबॉलिज्म पर प्रभाव
धनिया मेटाबोलिज़्म को सुधारने में मदद करता है, जो थाइरॉयड ग्रंथि का प्रमुख कार्य है। - इंसुलिन संवेदनशीलता
धनिया रक्त में शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह हाइपोथाइरॉयडिज्म से जुड़े वजन बढ़ने और इंसुलिन असंतुलन को कम कर सकता है। - एंटी-ऑक्सीडेटिव प्रभाव
थाइरॉयड की समस्याओं के लिए ऑक्सीडेटिव डैमेज एक प्रमुख कारण हो सकता है। धनिया पानी के नियमित सेवन से कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव डैमेज से बचाया जा सकता है।
सही खानपान और व्यायाम भी करें
धनिया के बीज का पानी थाइरॉयड ग्रंथि की कार्यक्षमता को बेहतर बनाने में सहायक हो सकता है। हालांकि, यह उपाय थाइरॉयड की दवा का विकल्प नहीं है। इसे डॉक्टर की सलाह के साथ दवाओं और अन्य उपचारों के पूरक के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए। साथ ही, सही खानपान, व्यायाम, और नियमित चेकअप भी थाइरॉयड को नियंत्रित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
