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June 20, 2025 12:14 am

नए साल का संकल्प-जब भी मौका मिले मोबाइल के जगह श्वांस को देखते रहिए..

श्वास (सांस) जीवन का आधार है, और योग एवं ध्यान में इसे विशेष महत्व दिया गया है। हमारे प्राचीन योगियों और संतों ने श्वास को केवल जीवन के लिए आवश्यक प्रक्रिया नहीं, बल्कि इसे शरीर और मन को शुद्ध करने का माध्यम माना है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं:

1. श्वास का महत्व

  • जीवन ऊर्जा (प्राण): श्वास के माध्यम से हमें न केवल ऑक्सीजन मिलती है, बल्कि “प्राण” (जीवन ऊर्जा) भी प्राप्त होती है, जो हमारे शरीर और मन को सक्रिय और स्वस्थ रखने में मदद करती है।
  • शरीर की शुद्धि: गहरी श्वास लेने से शरीर के अंदर जमे हुए विषैले तत्व (कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य विषाक्त पदार्थ) बाहर निकलते हैं, जिससे रक्त शुद्ध होता है।
  • मन की शांति: श्वास पर ध्यान केंद्रित करने से मन शांत होता है और तनाव कम होता है।

2. श्वास पर ध्यान क्यों दें?

  • अतिरिक्त ऑक्सीजन का लाभ: गहरी और नियंत्रित श्वास लेने से फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है और रक्त में ऑक्सीजन का स्तर बेहतर होता है।
  • तनाव प्रबंधन: जब आप श्वास को महसूस करते हैं, तो मन वर्तमान में आ जाता है। इससे भविष्य की चिंता और भूतकाल का पछतावा कम होता है।
  • ध्यान का प्रारंभ: श्वास पर ध्यान देना ध्यान की पहली सीढ़ी है। यह आपको विचारों की उथल-पुथल से मुक्त करके एकाग्रता की स्थिति में लाता है।

3. श्वास पर ध्यान देने की विधि

श्वास पर ध्यान देना सरल है, लेकिन इसके प्रभाव गहरे होते हैं।
कुछ आसान कदम:

  • स्थान चुनें: शांत और आरामदायक जगह पर बैठें।
  • मुद्रा: सीधे बैठें (जैसे सुखासन या पद्मासन)। रीढ़ सीधी हो।
  • आंखें बंद करें: ध्यान को भीतर की ओर ले जाने के लिए आंखें हल्के से बंद करें।
  • श्वास का अवलोकन करें: अपनी श्वास को बिना बदले उसे आते और जाते हुए महसूस करें।
    (जैसे: “मैं श्वास ले रहा हूं, मैं श्वास छोड़ रहा हूं।”)
  • गहराई बढ़ाएं: धीरे-धीरे गहरी श्वास लें और छोड़ें।
    (4 सेकंड तक श्वास लें, 6 सेकंड तक रोकें, और 8 सेकंड तक छोड़ें।)

4. लाभ

नियमित रूप से श्वास पर ध्यान देने से आपको निम्नलिखित लाभ हो सकते हैं:

  • शारीरिक लाभ:
    • फेफड़ों की क्षमता बढ़ना।
    • रक्त संचार बेहतर होना।
    • शरीर की ऊर्जा में वृद्धि।
  • मानसिक लाभ:
    • तनाव और चिंता का स्तर घटना।
    • गहरी नींद आना।
    • एकाग्रता और रचनात्मकता बढ़ना।
  • आध्यात्मिक लाभ:
    • आत्म-चेतना बढ़ना।
    • ध्यान और आत्मसाक्षात्कार की ओर कदम बढ़ाना।

5. श्वास और योग

योग में श्वास का उपयोग प्राणायाम के रूप में किया जाता है।
कुछ महत्वपूर्ण प्राणायाम:

  • अनुलोम-विलोम: नाक के दोनों छिद्रों से बारी-बारी से श्वास लेना और छोड़ना।
  • भ्रामरी प्राणायाम: गहरी श्वास लेकर “भ्रर्र” की ध्वनि करना।
  • कपालभाति: पेट से श्वास को तीव्र गति से छोड़ना।
  • नाड़ी शोधन प्राणायाम: श्वास के साथ शरीर की ऊर्जा नाड़ियों को संतुलित करना।

6. नियमितता और अनुशासन

दिन में केवल 5-10 मिनट श्वास पर ध्यान देने से आप सकारात्मक बदलाव महसूस करेंगे। धीरे-धीरे इसे बढ़ाकर 20-30 मिनट तक करें। ध्यान रहे कि इसे बिना किसी दबाव के सहज रूप से करें।

श्वास पर ध्यान न केवल आपको स्वस्थ बनाएगा, बल्कि आपके मन, शरीर और आत्मा के बीच संतुलन भी स्थापित करेगा। यही ध्यान और योग की असली शुरुआत है।

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