योग के सबसे प्रभावी और प्राचीन श्वास संबंधी अभ्यासों में से एक है। ‘कपाल’ का अर्थ है माथा और ‘भाति’ का अर्थ है प्रकाश या चमक। इसका अभ्यास नियमित रूप से करने से माथे का भाग यानी मस्तिष्क ताजा और ऊर्जा से भरपूर रहता है। यह प्राणायाम मुख्य रूप से पेट और श्वसन तंत्र की सफाई और सशक्तिकरण के लिए जाना जाता है।
कपालभाति कैसे करें:
- सही स्थान और स्थिति: सबसे पहले किसी शांत और स्वच्छ स्थान पर बैठें। आप पद्मासन, सुखासन या वज्रासन में बैठ सकते हैं। अगर बैठने में समस्या हो, तो कुर्सी पर भी बैठ सकते हैं। पीठ सीधी रखें और हाथ घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रखें।
- श्वास लेने और छोड़ने की प्रक्रिया:
- धीरे-धीरे श्वास लें।
- फिर नाक के माध्यम से तेजी से श्वास छोड़ें। इस दौरान पेट की मांसपेशियों को अंदर की ओर खींचें।
- यह प्रक्रिया पूरी तरह से पेट की मांसपेशियों पर केंद्रित होती है। हर बार जब आप श्वास बाहर छोड़ते हैं, तो पेट स्वाभाविक रूप से सिकुड़ता है।
- श्वास लेना स्वाभाविक और सहज होगा, लेकिन ध्यान मुख्य रूप से श्वास छोड़ने पर होना चाहिए।
- दोहराव: शुरुआत में, आप 20-30 बार कपालभाति कर सकते हैं। धीरे-धीरे इसका समय और संख्या बढ़ा सकते हैं। आदर्श रूप से, 5-10 मिनट तक अभ्यास किया जा सकता है, परंतु शुरुआत में 1-2 मिनट तक करना ही पर्याप्त है।
कपालभाति कौन कर सकता है:
- स्वस्थ व्यक्ति: सामान्य स्वास्थ्य रखने वाले लोग इसका नियमित अभ्यास कर सकते हैं।
- रक्तचाप और हृदय रोग से ग्रस्त व्यक्ति: यदि कोई व्यक्ति उच्च रक्तचाप या हृदय रोग से पीड़ित है, तो उन्हें कपालभाति करते समय सावधानी बरतनी चाहिए और डॉक्टर या योग प्रशिक्षक की सलाह लेनी चाहिए।
- प्रेग्नेंट महिलाएं: गर्भवती महिलाएं इस प्राणायाम से बचें।
- गैस्ट्रिक अल्सर या पेट में समस्या: यदि किसी को पेट की गंभीर समस्या है, तो उन्हें इस प्राणायाम से परहेज करना चाहिए।
कपालभाति के फायदे:
- पाचन तंत्र को सशक्त बनाता है: कपालभाति प्राणायाम पेट की मांसपेशियों को सक्रिय करता है, जिससे पाचन तंत्र बेहतर होता है। इसके नियमित अभ्यास से कब्ज, गैस और अन्य पेट की समस्याएं कम हो सकती हैं।
- फेफड़ों की क्षमता बढ़ाता है: यह प्राणायाम फेफड़ों की क्षमता और श्वसन तंत्र को सशक्त बनाता है। कपालभाति का अभ्यास करने से शरीर को अधिक ऑक्सीजन मिलती है, जिससे शरीर और मस्तिष्क को ऊर्जा मिलती है।
- मस्तिष्क को ताजगी और शांति मिलती है: कपालभाति के दौरान श्वास छोड़ने की प्रक्रिया मस्तिष्क को ताजगी देती है और मानसिक तनाव को कम करती है। यह ध्यान और एकाग्रता को भी बढ़ाता है।
- वजन घटाने में सहायक: कपालभाति प्राणायाम शरीर के मेटाबॉलिज़्म को बढ़ाता है, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है। यह पेट के आस-पास की चर्बी को कम करने में प्रभावी है।
- रक्त परिसंचरण को बेहतर बनाता है: कपालभाति का अभ्यास शरीर में रक्त परिसंचरण को तेज करता है, जिससे शरीर के अंगों को पर्याप्त पोषण और ऑक्सीजन मिलती है।
- स्ट्रेस और चिंता कम करता है: कपालभाति के दौरान की जाने वाली श्वास प्रक्रियाएं मन को शांति देती हैं और तनाव, चिंता, और डिप्रेशन से राहत प्रदान करती हैं।
- शरीर से विषाक्त तत्वों को निकालता है: यह प्राणायाम शरीर के आंतरिक अंगों को शुद्ध करता है और शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है।
