Explore

Search

June 19, 2025 5:02 am

माघी पूर्णिमा:- इस दिन आखिर क्यों नदी में स्नान कर दान दिया जाता है?

माघी पूर्णिमा, जिसे माघ पूर्णिमा भी कहा जाता है, हिंदू पंचांग के अनुसार माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। इस वर्ष, माघ पूर्णिमा 12 फरवरी 2025, बुधवार को पड़ रही है। पूर्णिमा तिथि का आरंभ 11 फरवरी 2025 को शाम 6 बजकर 55 मिनट पर होगा और इसका समापन 12 फरवरी 2025 को शाम 7 बजकर 22 मिनट पर होगा।

माघी पूर्णिमा का महत्व:

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माघी पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, दान-पुण्य, और भगवान विष्णु तथा माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन किए गए धार्मिक कार्यों से साधक के सभी पाप और कष्ट दूर होते हैं।

ग्रह योग:

इस वर्ष माघ पूर्णिमा के दिन सौभाग्य और शोभन नामक शुभ योग बन रहे हैं, जो इस दिन के धार्मिक कार्यों की महत्ता को और बढ़ाते हैं। इन योगों में किए गए स्नान-दान और पूजा-पाठ से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।

इस दिन क्या करना चाहिए:

  1. स्नान: प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र नदियों, विशेषकर गंगा, यमुना, या सरस्वती के संगम स्थल पर स्नान करना अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है। यदि यह संभव न हो, तो घर में स्नान के जल में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं।

    दान-पुण्य: स्नान के पश्चात, तिल, वस्त्र, अन्न, गुड़, घी, और कंबल आदि का दान करना चाहिए। विशेषकर तिल का दान अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है।

    पूजा-अर्चना: भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा करें। साथ ही, पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण, और पिंडदान के कार्य भी इस दिन किए जाते हैं।

    चंद्रमा को अर्घ्य: शाम के समय चंद्रमा को अर्घ्य देने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और साधक के जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

लाभ:

माघी पूर्णिमा के दिन किए गए स्नान, दान, और पूजा-पाठ से साधक के सभी पापों का नाश होता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अतिरिक्त, जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि का वास होता है। पितरों की आत्मा की शांति के लिए किए गए कार्यों से वंश में खुशहाली आती है।

अतः, माघी पूर्णिमा का दिन धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है, और इस दिन किए गए धार्मिक कार्यों से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और पुण्य की प्राप्ति होती है।

 

Leave a Comment