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June 22, 2025 8:05 pm

क्यों कमजोर ही रही है बच्चों की आंखे ?..कैसे बढ़ाए रोशनी?

आजकल मोबाइल फोन का अधिक यूज बच्चे भी करने लगे हैं. जिसके चलते बच्चों की नजर कमजोर होती जा रही है. यह समस्या आधुनिक जीवनशैली से जुड़ी हुई है, जहां बच्चे पढ़ाई, मनोरंजन, और सामाजिक जुड़ाव के लिए मोबाइल फोन का अधिक समय तक इस्तेमाल कर रहे हैं। कुछ मुख्य कारण बताए गए हैं जिनसे मोबाइल का अत्यधिक उपयोग बच्चों की आंखों की कमजोर हो रही है.

1. नीली रोशनी (Blue Light) का प्रभाव
मोबाइल फोन की स्क्रीन से नीली रोशनी (ब्लू लाइट) निकलती है, जो बच्चों की आंखों पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है। यह नीली रोशनी सीधे तौर पर आंखों की मांसपेशियों और रेटिना को प्रभावित करती है, जिससे बच्चों की दृष्टि में कमजोरी आ सकती है। नीली रोशनी का अत्यधिक संपर्क आंखों में तनाव, जलन, और धुंधलेपन का कारण बन सकता है। इससे आंखों की प्राकृतिक क्षमता पर बुरा असर पड़ता है और बच्चों को निकट दृष्टि दोष (मायोपिया) की समस्या हो सकती है।

2. अत्यधिक स्क्रीन टाइम
बच्चे जब लंबे समय तक मोबाइल फोन का उपयोग करते हैं, तो उनकी आंखों पर दबाव बढ़ जाता है। छोटे बच्चे विशेष रूप से नजदीक से स्क्रीन देखते हैं, जिससे उनकी आंखों की मांसपेशियां थक जाती हैं और उन्हें फोकस करने में दिक्कत होती है। इससे दूर की दृष्टि कमजोर हो सकती है। इसके अलावा, बच्चों का ध्यान लंबे समय तक मोबाइल पर केंद्रित रहने से आंखों की प्राकृतिक झपकने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है, जिससे आंखों में सूखापन और जलन हो सकती है।

3. निकट दृष्टि दोष (Myopia) का खतरा
मोबाइल फोन के अत्यधिक उपयोग से बच्चों में मायोपिया (निकट दृष्टि दोष) का खतरा बढ़ रहा है। जब बच्चे लगातार नजदीक से स्क्रीन देखते हैं, तो उनकी आंखों की मांसपेशियों को दूर की वस्तुओं पर फोकस करने में कठिनाई होती है। यह समस्या धीरे-धीरे बढ़कर मायोपिया का रूप ले सकती है, जिससे बच्चों को चश्मे की आवश्यकता पड़ सकती है।

4. आंखों में तनाव (Eye Strain)
मोबाइल का अत्यधिक उपयोग आंखों में तनाव का कारण बनता है, जिसे डिजिटल आई स्ट्रेन के नाम से भी जाना जाता है। लगातार स्क्रीन पर ध्यान केंद्रित रखने से आंखों की मांसपेशियों पर जोर पड़ता है, जिससे आंखों में दर्द, सिरदर्द, धुंधलापन और थकावट हो सकती है। बच्चों में यह समस्या अधिक सामान्य हो रही है, क्योंकि उनकी आंखें विकसित हो रही होती हैं और लंबे समय तक स्क्रीन पर ध्यान केंद्रित करना उनकी आंखों के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

5. स्लीप साइकल पर प्रभाव
मोबाइल फोन का उपयोग बच्चों की नींद पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालता है। मोबाइल से निकलने वाली नीली रोशनी मस्तिष्क में मेलाटोनिन हार्मोन के उत्पादन को बाधित करती है, जो नींद के चक्र को नियंत्रित करता है। जब बच्चे रात में मोबाइल का उपयोग करते हैं, तो उनकी नींद की गुणवत्ता खराब हो जाती है। नींद की कमी से आंखों की थकान बढ़ जाती है और उनकी दृष्टि पर बुरा असर पड़ता है।

6. कम शारीरिक गतिविधि और बाहरी खेलों की कमी
मोबाइल के अत्यधिक उपयोग के कारण बच्चे बाहर खेलने और शारीरिक गतिविधियों में कम भाग लेते हैं। बाहर खेलना और प्राकृतिक प्रकाश में समय बिताना आंखों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होता है। यह आंखों की मांसपेशियों को प्राकृतिक रूप से व्यायाम करने का मौका देता है, जिससे आंखों की कमजोरी कम होती है। लेकिन मोबाइल के चलते बच्चे अब ज्यादातर समय अंदर बिताते हैं, जिससे उनकी आंखें कमजोर हो रही हैं।

समाधान और सुझाव

स्क्रीन टाइम सीमित करें: बच्चों के लिए प्रतिदिन अधिकतम 1-2 घंटे ही मोबाइल का उपयोग सीमित करें और बीच-बीच में ब्रेक दिलवाएं।

20-20-20 नियम अपनाएं: हर 20 मिनट के बाद 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर की वस्तुओं को देखने का अभ्यास कराएं।

ब्लू लाइट फिल्टर का उपयोग करें: मोबाइल में ब्लू लाइट फिल्टर का उपयोग करें, ताकि आंखों पर नीली रोशनी का प्रभाव कम हो।

आंखों की नियमित जांच कराएं: बच्चों की आंखों की नियमित जांच करवाएं, ताकि समय पर दृष्टि समस्याओं का पता लगाया जा सके।

बाहर खेलने के लिए प्रेरित करें: बच्चों को दिन में कम से कम एक घंटे बाहर खेलने के लिए प्रेरित करें, जिससे उनकी आंखों को प्राकृतिक व्यायाम और आराम मिले।

नोट-समय पर ध्यान देकर और सही उपाय अपनाकर मोबाइल से बच्चों की नजर की कमजोरी को रोका जा सकता है।

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