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June 20, 2025 12:15 am

Yoga Tips-हकलाना, डिप्रेशन और मन का डर दूर करें सिंहासन से

सिंहासन (Lion Pose) योग का एक प्रभावशाली आसन है, जो शरीर को शारीरिक और मानसिक रूप से सशक्त करता है। इस आसन का नाम “सिंह” (शेर) से प्रेरित है, क्योंकि इसे करते समय शरीर और चेहरा शेर की मुद्रा में होता है। यह आसन गले, मुख और श्वसन तंत्र के लिए अत्यंत लाभकारी है।

सिंहासन करने की विधि

  1. शुरुआत की स्थिति:
    • योगा मैट पर वज्रासन (घुटनों के बल बैठने की मुद्रा) में बैठें।
    • अपने हाथों को अपने घुटनों पर रखें और उंगलियों को फैला लें।
  2. आसन की प्रक्रिया:
    • अपने घुटनों को थोड़ा दूर कर लें ताकि शरीर संतुलित महसूस करे।
    • रीढ़ की हड्डी सीधी रखें और शरीर को आरामदायक स्थिति में रखें।
    • गहरी सांस लें और अपनी जीभ को बाहर निकालें।
  3. शेर की गर्जना (सिंह मुद्रा):
    • जीभ को जितना हो सके बाहर की ओर फैलाएं।
    • आंखें चौड़ी करें और अपनी दृष्टि को भौहों के बीच केंद्रित करें (भृकुटि दृष्टि)।
    • सांस छोड़ते हुए “हां” या “अहं” की आवाज करते हुए गले से शेर की गर्जना की तरह ध्वनि निकालें।
    • इस स्थिति में 20-30 सेकंड तक रुकें।
  4. विश्राम:
    • धीरे-धीरे अपनी जीभ को वापस अंदर लाएं और सामान्य स्थिति में लौटें।
    • इस प्रक्रिया को 3-5 बार दोहराएं।

सिंहासन के लाभ

1. गले और मुख के लिए फायदेमंद:

  • गले की मांसपेशियों को मजबूत करता है।
  • गले, टॉन्सिल और स्वर यंत्र (वोकल कॉर्ड्स) की समस्याओं को ठीक करने में सहायक है।

2. चेहरे की सुंदरता और त्वचा में निखार:

  • चेहरे की मांसपेशियों को सक्रिय करता है, जिससे झुर्रियां कम होती हैं।
  • रक्त संचार को बेहतर बनाकर त्वचा में निखार लाता है।

3. तनाव और चिंता को कम करता है:

  • सिंहासन मानसिक शांति प्रदान करता है और तनाव को कम करता है।
  • मुख और जबड़े के तनाव को दूर करता है।

4. श्वसन तंत्र को मजबूत करता है:

  • श्वसन तंत्र को शुद्ध करता है और वायु मार्ग को साफ करता है।
  • अस्थमा और खर्राटे की समस्या में लाभकारी है।

5. हकलाने और बोलने में सुधार:

  • स्वर यंत्र को सशक्त बनाकर बोलने की क्षमता में सुधार करता है।
  • बच्चों और वयस्कों में हकलाने की समस्या को कम करता है।

सावधानियां

  1. उच्च रक्तचाप या हृदय रोग वाले लोग इसे करते समय अधिक जोर न लगाएं।
  2. गर्दन या गले में गंभीर चोट हो तो इसे करने से बचें।
  3. इसे खाली पेट या भोजन के 4-5 घंटे बाद करें।
  4. अगर शुरुआत में कठिनाई हो तो योग शिक्षक के मार्गदर्शन में अभ्यास करें।

विशेष टिप्स

  • इसे सुबह के समय करें ताकि आप अधिक ऊर्जा और स्फूर्ति महसूस कर सकें।
  • “हां” की गर्जना को जोरदार और आत्मविश्वास से भरपूर करें।
  • इसे बच्चों के साथ करने से उनकी रचनात्मकता और बोलने की क्षमता बढ़ती है।

 

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