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June 19, 2025 2:00 pm

महाकुंभ 2025 का शुभारंभ…60 लाख लोगों ने लगाई डुबकी

महाकुंभ 2025 का शुभारंभ हो चुका है, और पहले ही दिन 60 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगाई। महाकुंभ मेला भारत का सबसे बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन है, जो हर 12 साल में चार पवित्र स्थानों—हरिद्वार, प्रयागराज (इलाहाबाद), उज्जैन, और नासिक—में से किसी एक पर आयोजित होता है। 2025 में महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज में हो रहा है।

महाकुंभ की मान्यता

महाकुंभ मेला भारतीय संस्कृति और आध्यात्म का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसकी मान्यताएँ इस प्रकार हैं:

  1. अमृत मंथन की कथा: महाकुंभ का आयोजन समुद्र मंथन की कथा से जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि देवताओं और असुरों ने अमृत प्राप्त करने के लिए समुद्र मंथन किया। अमृत कलश से अमृत की कुछ बूंदें चार स्थानों—हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन, और नासिक—पर गिरीं। इन स्थानों को पवित्र माना जाता है और यहां स्नान करने से पापों का नाश होता है।
  2. मोक्ष की प्राप्ति: गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान करने से व्यक्ति को मोक्ष प्राप्ति का मार्ग मिलता है। यह माना जाता है कि यहां स्नान करने से जन्म-जन्मांतर के पाप मिट जाते हैं।
  3. ग्रहों का विशेष संयोग: कुंभ मेला तब आयोजित होता है जब बृहस्पति ग्रह, सूर्य और चंद्रमा विशेष ज्योतिषीय संयोग में आते हैं। इसे धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है।
  4. आध्यात्मिक ऊर्जा: कुंभ मेले में विभिन्न संत, महात्मा, और साधु-संत अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ आते हैं। यहां ध्यान, प्रवचन और साधना के माध्यम से आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है।

महाकुंभ के प्रमुख आकर्षण

  1. शाही स्नान: कुंभ मेले में शाही स्नान सबसे प्रमुख होता है। इसमें अखाड़ों के साधु-संत, नागा बाबा, और विभिन्न संत समाज स्नान करते हैं। यह आयोजन बहुत ही भव्य और आकर्षक होता है।
  2. साधु-संतों का दर्शन: यहां पर देश-विदेश से आए साधु-संतों और ऋषि-मुनियों का दर्शन करना एक महत्वपूर्ण अनुभव माना जाता है।
  3. धार्मिक प्रवचन और सत्संग: कुंभ मेले में विभिन्न धार्मिक संगठनों द्वारा प्रवचन, सत्संग, और योग शिविर आयोजित किए जाते हैं, जहां श्रद्धालु ज्ञान प्राप्त करते हैं।

धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व

महाकुंभ केवल धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण प्रतीक भी है। यहां विभिन्न राज्यों और संस्कृतियों के लोग एकत्र होकर भारतीय विविधता और एकता का अद्भुत प्रदर्शन करते हैं।

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