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June 19, 2025 1:24 am

एलिफेंट विस्परर लॉरेंस एंथनी: हाथियों के साथ एक अनोखा बंधन और संरक्षण की प्रेरक कहानी

लॉरेंस एंथनी, जिन्हें दुनिया “एलिफेंट विस्परर” के नाम से जानती है, एक दक्षिण अफ्रीकी संरक्षणवादी, पर्यावरणविद् और लेखक थे। उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय वन्यजीवों की रक्षा और उनके संरक्षण में समर्पित किया। उनकी सबसे प्रसिद्ध कहानी एक हाथियों के झुंड के साथ उनके गहरे संबंध की है, जिसे उन्होंने अपने थुला थुला गेम रिजर्व में आश्रय दिया था।


प्रारंभिक जीवन और करियर:

लॉरेंस एंथनी का जन्म 17 सितंबर 1950 को जोहान्सबर्ग, दक्षिण अफ्रीका में हुआ था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बीमा क्षेत्र में की, लेकिन जल्द ही उन्हें प्रकृति और वन्यजीवों के प्रति गहरा लगाव हो गया।


थुला थुला गेम रिजर्व और हाथियों का आगमन:

1999 में, एंथनी को एक चुनौतीपूर्ण कार्य सौंपा गया: एक हाथियों के झुंड को बचाना जो आक्रामक व्यवहार के कारण मारे जाने वाले थे। उन्होंने इन हाथियों को अपने थुला थुला गेम रिजर्व में लाकर उन्हें नया जीवन दिया।


“एलिफेंट विस्परर” उपनाम की उत्पत्ति:

एंथनी ने इन हाथियों के साथ एक गहरा संबंध स्थापित किया। उन्होंने उनके साथ संवाद स्थापित करने के लिए धैर्य, समझ और प्रेम का उपयोग किया। इस अनोखे संबंध के कारण उन्हें “एलिफेंट विस्परर” का उपनाम मिला।


अन्य संरक्षण प्रयास:

  • बगदाद चिड़ियाघर का बचाव: 2003 में, एंथनी ने इराक युद्ध के दौरान बगदाद चिड़ियाघर के जानवरों को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

  • द अर्थ ऑर्गनाइजेशन की स्थापना: 2003 में, उन्होंने “द अर्थ ऑर्गनाइजेशन” की स्थापना की, जो एक अंतरराष्ट्रीय संरक्षण और पर्यावरण समूह है।


मृत्यु और हाथियों की श्रद्धांजलि:

2 मार्च 2012 को एंथनी का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उनकी मृत्यु के कुछ दिनों बाद, वह हाथियों का झुंड जो उन्होंने बचाया था, उनके घर आया और दो दिनों तक वहां रहा, मानो उन्हें श्रद्धांजलि दे रहा हो।


प्रकाशित पुस्तकें:

  • “द एलिफेंट विस्परर” (2009): इस पुस्तक में एंथनी ने हाथियों के साथ अपने अनुभवों को साझा किया है।

  • “बेबिलॉन’स आर्क”: इराक युद्ध के दौरान बगदाद चिड़ियाघर के बचाव की कहानी।

  • “द लास्ट राइनोस”: उत्तरी सफेद गैंडे के संरक्षण के प्रयासों पर आधारित।


प्रेरणा और विरासत:

लॉरेंस एंथनी की कहानी हमें यह सिखाती है कि धैर्य, समझ और प्रेम के माध्यम से हम प्रकृति और वन्यजीवों के साथ गहरा संबंध स्थापित कर सकते हैं। उनका जीवन और कार्य आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

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