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July 22, 2025 7:33 pm

एक मिनट में रीढ़ को मजबूत बनाएं और कमर दर्द से पाएं राहत

क्या आप लंबे समय तक कंप्यूटर या मोबाइल पर झुके रहते हैं? क्या आपकी कमर में अक्सर खिंचाव या दर्द रहता है? अगर हां, तो सिर्फ 1 मिनट का सेतु बंधासन (Bridge Pose) आपके लिए समाधान बन सकता है। यह योग मुद्रा, जो दिखने में सरल लगती है, शरीर की रीढ़, पीठ, कमर और हिप्स के लिए बेहद फायदेमंद है।

सेतु बंधासन क्या है?

Setu Bandhasana संस्कृत के शब्द “सेतु” (पुल), “बंधन” (बंध) और “आसन” (स्थिति) से मिलकर बना है। इसमें शरीर एक पुल के समान बनता है — सिर और पैरों के बीच पीठ ऊपर उठी होती है। अंग्रेजी में इसे Bridge Pose कहा जाता है।

इस आसन में शरीर पीछे की ओर झुकता है, जिससे रीढ़ की हड्डी, कूल्हे, जांघ और पेट की मांसपेशियों पर सकारात्मक असर होता है।


सेतु बंधासन के प्रमुख लाभ

1. रीढ़ की हड्डी को बनाता है मजबूत और लचीला

इस योग में जब आप पीठ को ऊपर उठाते हैं, तो रीढ़ की हड्डी धीरे-धीरे लचीलापन प्राप्त करती है और उसकी ताकत भी बढ़ती है। यह दिन भर की जकड़न को दूर करता है।

2. पीठ और कमर दर्द में आराम

लंबे समय तक बैठना या गलत पोश्चर पीठ की मांसपेशियों को कमजोर करता है। सेतु बंधासन इन मांसपेशियों को सक्रिय करता है और दर्द में राहत देता है।

3. पोश्चर सुधारता है

यह आसन पीठ, कंधे और गर्दन को सीधा करने में मदद करता है, जिससे व्यक्ति का शरीर संतुलित और आत्मविश्वासी दिखता है।

4. थायरॉइड ग्रंथि को सक्रिय करता है

गर्दन के झुकाव के कारण यह आसन थायरॉइड ग्रंथि को उत्तेजित करता है, जिससे हार्मोनल बैलेंस बना रहता है।

5. पाचन क्रिया को सुधारता है

सेतु बंधासन पेट की आंतरिक मांसपेशियों पर दबाव डालता है, जिससे पाचन सुधरता है और कब्ज जैसी समस्या कम होती है।

6. तनाव और थकान को करता है दूर

यह आसन गहरे श्वास के साथ किया जाता है, जिससे मस्तिष्क को अधिक ऑक्सीजन मिलती है और तनाव में राहत मिलती है।


सेतु बंधासन कैसे करें? (Step-by-Step Guide)

  1. पीठ के बल लेट जाएं, हाथ शरीर के पास और हथेलियां नीचे की ओर रखें।

  2. दोनों पैरों को मोड़ें और एड़ी को नितंबों के पास रखें।

  3. गहरी सांस लें और धीरे-धीरे पीठ, कूल्हों और छाती को ऊपर उठाएं।

  4. जांघों को ज़मीन के समानांतर रखें और ठोड़ी को सीने से स्पर्श करने दें।

  5. हाथों को ज़मीन पर स्थिर रखें या कमर के नीचे जोड़ सकते हैं।

  6. इस स्थिति को 30 सेकंड से 1 मिनट तक बनाए रखें।

  7. धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए शरीर को नीचे लाएं और विश्राम करें।


सेतु बंधासन करते समय सावधानियां

  • गर्दन में चोट हो तो इस आसन से बचें।

  • हाई ब्लड प्रेशर या ग्लॉकोमा वाले पहले डॉक्टर की सलाह लें।

  • पीठ दर्द अधिक हो तो किसी योग विशेषज्ञ से मार्गदर्शन लें।


देश और दुनिया के विशेषज्ञों की राय

यहां 10 हेल्थ और योग एक्सपर्ट्स का सेतु बंधासन पर मत:

  1. डॉ. हंसाजी योगेंद्र (The Yoga Institute) – “सेतु बंधासन रीढ़ और दिमाग दोनों को संतुलित करता है।”

  2. डॉ. बलराम साहनी (AIIMS) – “सर्जरी के बाद रिकवरी के लिए यह बेहतरीन आसन है।”

  3. शिल्पा शेट्टी (योगा एक्सपर्ट) – “मैं इसे हर वर्कआउट के बाद करती हूं, यह शरीर को रीसेट करता है।”

  4. डॉ. आलोक अग्रवाल (ऑर्थोपेडिक सर्जन) – “लंबे समय तक बैठे रहने वालों को यह रोज करना चाहिए।”

  5. बाबा रामदेव (योग गुरु) – “इससे रीढ़ की कमजोरी दूर होती है और मन शांत होता है।”

  6. डॉ. प्रिया मेहरा (Women’s Health Specialist) – “पीरियड पेन और PCOS में यह आसन सहायक है।”

  7. डॉ. वत्सला सिंह (Physiotherapist) – “पोश्चर सुधारने के लिए सबसे सरल और असरदार योग।”

  8. निखिल शाह (Fitness Coach) – “Core और Glutes स्ट्रेंथ के लिए यह must-do आसन है।”

  9. न्यूट्रिशनिस्ट रुचि शर्मा – “थायरॉइड बैलेंस में मदद करता है और हार्मोन सुधारता है।”

  10. अमित राठौर (Isha Foundation) – “सेतु बंधासन जीवनशैली रोगों से लड़ने की योगिक शक्ति है।”


कब और कितना करें?

  • दिन में सुबह या शाम, भोजन से कम से कम 3 घंटे पहले।

  • शुरुआती 30 सेकंड से शुरू करें, धीरे-धीरे 1-2 मिनट तक बढ़ाएं।

  • सप्ताह में कम से कम 5 दिन करें।


निष्कर्ष: सिर्फ एक मिनट का आसन, बड़ा बदलाव

सेतु बंधासन एक ऐसा आसन है जो सरल होते हुए भी शरीर पर गहराई से असर करता है। सिर्फ एक मिनट का अभ्यास:

✅ रीढ़ को मजबूत बनाता है
✅ पोश्चर सुधारता है
✅ तनाव कम करता है
✅ थायरॉइड और पाचन तंत्र को सक्रिय करता है
✅ कमर और पीठ दर्द से राहत देता है


आपकी अगली सुबह कैसी होगी?

क्या आप कल से यह आसन शुरू करेंगे?
1 मिनट — बस इतना ही काफी है आज से बदलाव लाने के लिए।

सेतु बंधासन की शक्ति को पहचानिए।

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