Explore

Search

02/10/2025 2:41 pm

मूड स्विंग्स से बचें: हर परिस्थिति में मन को स्थिर रखने का उपाय

आज की तेज़ रफ़्तार ज़िंदगी में अचानक से मूड बदल जाना यानी मूड स्विंग्स होना बहुत सामान्य बात हो गई है। छोटी-सी परेशानी, किसी की कठोर बात या अप्रत्याशित घटना हमें उदास, गुस्सैल या तनावग्रस्त बना देती है। लेकिन क्या यह सही है कि हम हर परिस्थिति और हर इंसान के व्यवहार को अपनी मानसिक शांति पर हावी होने दें? जीवन की परिस्थितियों को हम नियंत्रित नहीं कर सकते, लेकिन अपने मूड और अपने मन की स्थिति को नियंत्रित करना पूरी तरह हमारे हाथ में है। यदि हम अपने भीतर सकारात्मकता और स्थिरता विकसित कर लें तो जीवन में किसी भी उतार-चढ़ाव के बावजूद हमारा मन शांत और संतुलित रहेगा।

मूड स्विंग्स क्यों होते हैं?

अचानक मूड बदलने के कई कारण हो सकते हैं। शारीरिक थकान, नींद की कमी, असंतुलित आहार, हार्मोनल बदलाव, तनाव और मानसिक दबाव इसकी बड़ी वजह होते हैं। इसके अलावा डिजिटल युग में लगातार सोशल मीडिया और नकारात्मक खबरों के संपर्क में रहना भी मानसिक स्थिति को अस्थिर कर देता है। जब मन बार-बार अस्थिर होता है तो छोटी-सी घटना भी हमारे मूड को बिगाड़ देती है। इसीलिए जरूरी है कि हम अपने मन और शरीर को संतुलित रखें।

मन को स्थिर रखने के लिए आत्मसंवाद

मूड स्विंग्स से बचने का सबसे अच्छा तरीका है खुद से सकारात्मक संवाद करना। जब भी मन में बेचैनी हो या अचानक चिड़चिड़ापन महसूस हो तो एक क्षण रुककर अपने भीतर झांकें। खुद से कहें – “मैं एक सुखी आत्मा हूँ। मैं हर परिस्थिति में शांत रह सकता हूँ।” यह आत्मसंवाद मन को तुरंत स्थिर करता है और नकारात्मकता को दूर करता है।

सकारात्मक पुष्टि (Affirmations) की शक्ति

पुष्टिकरण या Affirmations मन को प्रशिक्षित करने का सबसे प्रभावी तरीका है। जब हम बार-बार अपने मन को यह कहते हैं कि “मैं अपने मूड का मालिक हूँ, मैं शांत और प्रसन्न हूँ,” तो धीरे-धीरे हमारा अवचेतन मन इसे स्वीकार कर लेता है।

जैसा कि दिए गए Affirmation में कहा गया है – “मैं एक सुखी प्राणी हूँ। मैं हर मूड का निर्माता हूँ। मैं अपने मन और शरीर का ध्यान रखता हूँ। व्यायाम, ध्यान, आध्यात्मिक अध्ययन, उचित आहार, विश्राम और नींद से मेरा मन और शरीर तनावमुक्त रहता है।” इस तरह की बातें जब हम नियमित रूप से दोहराते हैं तो यह हमारे मन की आदत बन जाती हैं।

परिस्थिति से अलग होना सीखें

अक्सर हम किसी घटना या व्यक्ति की बातों को अपने दिल पर ले लेते हैं और मूड तुरंत बिगड़ जाता है। लेकिन हमें समझना होगा कि परिस्थिति तो बाहरी है, उसे बदलना हमारे हाथ में नहीं है। हाँ, उसका असर हमारे मन पर कितना होगा, यह पूरी तरह हमारे नियंत्रण में है। अगर किसी की बात से मन को चोट लगे तो तुरंत भीतर से खुद को उस दृश्य से अलग कर लें। अपने मन को समझाएँ कि “यह स्थिति अस्थायी है, मुझे इसे अपने मूड को खराब नहीं करने देना है।” इस आंतरिक अभ्यास से हम नकारात्मकता से बच सकते हैं।

ध्यान और शांति का अभ्यास

मूड स्विंग्स से बचने के लिए ध्यान सबसे प्रभावी साधन है। जब हम रोजाना कुछ मिनट चुपचाप बैठकर अपने भीतर की आवाज़ सुनते हैं तो मन की अशांति धीरे-धीरे समाप्त होने लगती है। ध्यान हमें यह सिखाता है कि परिस्थितियाँ चाहे जैसी हों, हमें भीतर से शांत रहना है। यह अभ्यास धीरे-धीरे मूड स्विंग्स को नियंत्रित करने की शक्ति देता है।

स्वस्थ जीवनशैली का महत्व

मूड स्विंग्स पर काबू पाने के लिए शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी बेहद ज़रूरी है। यदि नींद पूरी नहीं होती, आहार असंतुलित है या शरीर में थकान है तो मन अस्थिर होना स्वाभाविक है। इसीलिए पर्याप्त नींद, पौष्टिक आहार, नियमित व्यायाम और आराम आवश्यक हैं। योग और प्राणायाम का अभ्यास भी मन और शरीर को संतुलित रखने में मदद करता है।

हर स्थिति में स्थिर रहना

जीवन में हर समय परिस्थितियाँ हमारे अनुसार नहीं होतीं। कभी परिवार में संकट आता है, कभी कार्यस्थल पर तनाव होता है, कभी लोग हमारे प्रति अन्यायपूर्ण व्यवहार करते हैं। यदि हम हर परिस्थिति में अपने मूड को स्थिर रखना सीख लें तो कोई भी स्थिति हमें भीतर से हिला नहीं पाएगी। जब हम शांत रहते हैं तो स्पष्ट सोच पाते हैं और समस्याओं का समाधान भी सही ढंग से कर पाते हैं।

मूड स्विंग्स से बचने का रहस्य

मूड स्विंग्स से बचने का सबसे बड़ा रहस्य यही है कि हम अपने मन को बाहरी परिस्थितियों पर निर्भर न रहने दें। जब हम नियमित रूप से सकारात्मक Affirmations दोहराते हैं, ध्यान का अभ्यास करते हैं और स्वस्थ जीवनशैली अपनाते हैं तो हमारा मूड हर परिस्थिति में स्थिर और शांत रहता है। याद रखें, मन का स्वामी केवल आप हैं। अगर आप चाहें तो हर स्थिति में प्रसन्न और सुखी रह सकते हैं।

Leave a Comment