भारत जैसे विशाल और विविध जनसंख्या वाले देश में कैंसर एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती बना हुआ है। समय पर पहचान और निदान के अभाव में लाखों लोग हर साल इस बीमारी के शिकार हो जाते हैं। लेकिन अब, तेलंगाना सरकार ने इस चुनौती का सामना करने के लिए एक अभिनव और तकनीकी उपाय अपनाया है — आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित कैंसर स्क्रीनिंग। यह कदम न केवल रोग की शीघ्र पहचान में मदद करेगा बल्कि भारत के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एक नई दिशा भी देगा।
तेलंगाना सरकार की पहल क्या है?
तेलंगाना राज्य सरकार ने मौखिक, स्तन (ब्रेस्ट) और गर्भाशय ग्रीवा (सर्वाइकल) कैंसर की समय पर पहचान के लिए एआई आधारित स्क्रीनिंग कार्यक्रम की शुरुआत की है। यह पायलट प्रोजेक्ट प्रारंभ में तीन जिलों—राजन्ना सिरिसिल्ला, मुलुगु और करीमनगर—में लागू किया गया है। इसमें प्रशिक्षित हेल्थकेयर वर्कर्स मोबाइल आधारित उपकरणों और AI सॉफ्टवेयर की मदद से कैंसर के संभावित मामलों की स्क्रीनिंग करते हैं।
इस परियोजना का उद्देश्य ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में महिलाओं और पुरुषों को शुरुआती चरण में ही कैंसर की जानकारी देना और उपचार की दिशा में उन्हें मार्गदर्शन देना है।
AI कैसे करता है स्क्रीनिंग?
AI तकनीक विशिष्ट प्रकार के एल्गोरिदम और मशीन लर्निंग का उपयोग करती है, जिससे यह तस्वीरों और मेडिकल डेटा का विश्लेषण कर संभावित कैंसर की पहचान कर सकता है।
प्रमुख तरीके:
- विजुअल स्क्रीनिंग: मोबाइल ऐप और AI कैमरे की मदद से मौखिक कैंसर की संभावित उपस्थिति को पहचाना जाता है।
- थर्मल इमेजिंग: स्तन कैंसर की जांच के लिए थर्मल इमेजिंग तकनीक का उपयोग किया जाता है, जिसमें AI थर्मल चित्रों को स्कैन करता है।
- विजुअल इंस्पेक्शन विथ ऐसिटिक एसिड (VIA): गर्भाशय ग्रीवा की जांच के लिए इस तकनीक को AI की मदद से स्वचालित किया गया है।
इस तकनीक के लाभ क्या हैं?
- शीघ्र पहचान: कैंसर जितना जल्दी पहचाना जाए, उसका उपचार उतना ही प्रभावी होता है। AI स्क्रीनिंग के माध्यम से शुरुआती चरण में ही कैंसर का संकेत मिल जाता है।
- कम लागत: पारंपरिक जांचों की तुलना में AI आधारित स्क्रीनिंग सस्ती है, जिससे गरीब और ग्रामीण क्षेत्रों में इसकी पहुँच आसान होती है।
- डॉक्टरों पर कम दबाव: स्क्रीनिंग का प्रारंभिक चरण AI तकनीक द्वारा किया जाता है, जिससे डॉक्टरों पर बोझ कम होता है और वे गंभीर मामलों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
- सटीकता: AI एल्गोरिदम बड़ी मात्रा में डेटा का विश्लेषण कर संभावित त्रुटियों को कम करता है और बेहतर डायग्नोसिस प्रदान करता है।
कौन कर रहा है इस परियोजना को सहयोग?
तेलंगाना सरकार इस परियोजना को निजी तकनीकी कंपनियों और हेल्थटेक स्टार्टअप्स के सहयोग से चला रही है। इसमें कई स्वास्थ्य संगठन, नर्सिंग स्कूल, और ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकर्ता भी शामिल हैं। तकनीकी पक्ष से कुछ प्रमुख कंपनियाँ जैसे Niramai (स्तन कैंसर के लिए), Aindra Systems (सर्वाइकल कैंसर के लिए), और Karkinos Healthcare इस परियोजना का हिस्सा हैं।
महिलाओं के लिए विशेष लाभ
भारत में महिलाएं अक्सर सामाजिक कारणों से नियमित मेडिकल जांच नहीं करवा पातीं। इस पहल में महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देकर स्थानीय महिलाओं के बीच जाकर स्क्रीनिंग की जा रही है। इससे महिलाओं में जागरूकता बढ़ रही है और वे अपने स्वास्थ्य को लेकर सजग हो रही हैं।
ग्रामीण भारत के लिए उम्मीद की किरण
AI तकनीक का यह उपयोग उन क्षेत्रों में किया जा रहा है जहाँ डॉक्टरों और आधुनिक सुविधाओं की भारी कमी है। ऐसे में यह पहल ग्रामीण भारत के लिए एक वरदान साबित हो सकती है।
भविष्य की दिशा
यदि यह पायलट प्रोजेक्ट सफल होता है, तो तेलंगाना सरकार इसे राज्य के सभी जिलों में लागू करेगी। साथ ही, अन्य राज्य भी इसे अपनाकर पूरे देश में कैंसर स्क्रीनिंग क्रांति ला सकते हैं।
सामान्य जनता के लिए क्या संदेश?
- स्वास्थ्य जांच से न डरें।
- समय पर स्क्रीनिंग जीवन बचा सकती है।
- नई तकनीकें जैसे AI का उद्देश्य आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है।
- यदि आपके जिले में यह सुविधा उपलब्ध है, तो इसका लाभ अवश्य लें।
एक हेल्दी भारत की कल्पना
तेलंगाना में कैंसर स्क्रीनिंग के लिए AI तकनीक का प्रयोग भारत में स्वास्थ्य सेवाओं के डिजिटलीकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। यह पहल न केवल रोग की शीघ्र पहचान में सहायक होगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को आधुनिक तकनीक से जोड़कर उनके जीवन की गुणवत्ता भी सुधार सकती है। यदि यह मॉडल सफल होता है, तो भविष्य में भारत के अन्य राज्य भी इस दिशा में पहल करेंगे और एक हेल्दी भारत की कल्पना को साकार किया जा सकेगा।
