डायबिटीज़ और फलों के सेवन को लेकर एलोपैथी और नेचुरोपैथी के बीच मतभेद एक लंबे समय से चर्चा का विषय रहा है। आइए इस विषय को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझते हैं कि डायबिटीज़ मरीज को फल खाना चाहिए या नहीं।
1. डायबिटीज़ और ब्लड शुगर का संबंध
डायबिटीज़ एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर इंसुलिन नामक हार्मोन की पर्याप्त मात्रा नहीं बना पाता या उसका सही उपयोग नहीं कर पाता। इससे खून में ग्लूकोज (शुगर) का स्तर बढ़ जाता है। डायबिटीज़ में खानपान का बहुत बड़ा योगदान होता है, विशेषकर कार्बोहाइड्रेट्स और शर्करा से भरपूर चीज़ों का सेवन ब्लड शुगर को तुरंत बढ़ा सकता है।
2. फलों में क्या होता है?
फल मुख्यतः फ्रुक्टोज़ नामक प्राकृतिक शर्करा से भरपूर होते हैं। इसके साथ ही वे फाइबर, विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स का अच्छा स्रोत भी होते हैं। फल में मौजूद घुलनशील फाइबर पाचन प्रक्रिया को धीमा करता है, जिससे शुगर धीरे-धीरे अवशोषित होती है।
3. एलोपैथी की दृष्टि
एलोपैथी में यह माना जाता है कि सभी फल डायबिटिक मरीजों के लिए समान नहीं होते। उदाहरण के लिए:
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उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) वाले फल (जैसे पका हुआ केला, अंगूर, आम, अनानास) रक्त शर्करा को तेजी से बढ़ा सकते हैं।
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निम्न GI वाले फल (जैसे सेब, नाशपाती, जामुन, संतरा, स्ट्रॉबेरी) का असर धीरे और नियंत्रित होता है।
एलोपैथी डॉक्टर आमतौर पर सीमित मात्रा में, सही समय पर और सही प्रकार के फल खाने की सलाह देते हैं। जैसे– फल खाने का सबसे अच्छा समय है सुबह खाली पेट या दो मील के बीच।
4. नेचुरोपैथी की दृष्टि
नेचुरोपैथी में यह माना जाता है कि फल प्रकृति द्वारा दिया गया सर्वोत्तम भोजन है और इससे शरीर को नुकसान नहीं होता। उनका तर्क है कि:
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फ्रुक्टोज़ की प्राकृतिक संरचना शरीर के लिए हानिकारक नहीं है, यदि फल साबुत खाए जाएं।
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फलों में मौजूद फाइबर और अन्य पोषक तत्व इंसुलिन संवेदनशीलता को बेहतर करते हैं।
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फल शरीर को क्षारीय बनाते हैं, जिससे मेटाबॉलिज्म सुधरता है।
कुछ नेचुरोपैथ मानते हैं कि फल जितना अधिक खाया जाए, उतना ही शरीर डिटॉक्स होता है और इससे डायबिटीज़ जैसी बीमारियां भी जड़ से ठीक हो सकती हैं।
5. वैज्ञानिक निष्कर्ष और संतुलन की आवश्यकता
वास्तविकता इन दोनों के बीच है। वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि फल पूरी तरह से प्रतिबंधित करने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन संतुलन जरूरी है:
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शुद्ध फलों के रस से बचें – इनमें फाइबर नहीं होता और शुगर तेजी से ब्लड में जाती है।
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साबुत फल ही खाएं – जैसे सेब, नाशपाती, अमरूद, जामुन।
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अत्यधिक मीठे फल (जैसे आम, चीकू) सीमित मात्रा में ही खाएं।
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भोजन के साथ फल ना लें – इससे ब्लड शुगर स्पाइक हो सकता है।
6. निष्कर्ष
डायबिटीज़ मरीज फल खा सकते हैं, लेकिन सोच-समझकर। पूरी तरह वर्जित करना वैज्ञानिक रूप से उचित नहीं है, परंतु अंधाधुंध सेवन भी हानिकारक हो सकता है। सही मात्रा, सही प्रकार और सही समय – यही है फल सेवन की कुंजी।
