भारत में स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू किए गए “सुगर फ्री मासिक अभियान” ने अपने पहले ही महीने में उत्साहजनक परिणाम दिए हैं। यह अभियान लोगों को 30 दिनों तक शक्कर और मिठाई से दूरी बनाकर एक हेल्दी और संतुलित जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है। इस पहल में भाग लेने वाले हजारों लोगों ने न केवल इस चुनौती को स्वीकार किया, बल्कि उन्होंने इसके सकारात्मक परिणाम भी महसूस किए हैं।
शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
इस अभियान के तहत प्रतिभागियों से यह आग्रह किया गया था कि वे पूरे एक महीने तक प्रोसेस्ड शुगर, मिठाइयाँ, केक, बिस्किट, कोल्ड ड्रिंक्स और अन्य शक्कर युक्त खाद्य पदार्थों से पूरी तरह परहेज करें। इसके बदले उन्हें प्राकृतिक मिठास जैसे फल, खजूर या गुड़ जैसे विकल्प अपनाने की सलाह दी गई। इस पहल का उद्देश्य केवल वजन कम करना नहीं था, बल्कि यह भी देखना था कि शक्कर छोड़ने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है।
500 प्रतिभागियों पर एक सर्वे
अभियान पूरा होने के बाद 500 प्रतिभागियों पर एक सर्वे किया गया। सर्वे के नतीजे चौंकाने वाले और उत्साहवर्धक थे। 76.7% प्रतिभागियों ने माना कि उनका एनर्जी लेवल पहले से ज्यादा हो गया है। उन्होंने खुद को पहले से ज्यादा फुर्तीला और सक्रिय महसूस किया। इसके अलावा, कई लोगों ने यह भी बताया कि उन्हें नींद बेहतर आने लगी, पाचन में सुधार हुआ और दिनभर थकान का अनुभव कम हुआ।
2 से 4 किलो वजन घटाया
एक और रोचक तथ्य यह रहा कि लगभग 60% प्रतिभागियों ने कहा कि उन्होंने बिना अतिरिक्त प्रयास के ही 2 से 4 किलो वजन घटाया। वहीं 40% लोगों ने कहा कि उन्हें मीठा खाने की तलब अब पहले से बहुत कम होती है। यह दर्शाता है कि जब शरीर को नियमित रूप से प्रोसेस्ड शुगर नहीं मिलती, तो वह धीरे-धीरे उसकी आदत से छुटकारा पा लेता है।
चिड़चिड़ापन कम हुआ
कुछ प्रतिभागियों ने मानसिक स्थिति में भी बदलाव महसूस किए। उन्होंने बताया कि उनका मूड बेहतर रहता है, चिड़चिड़ापन कम हुआ है, और काम करने की एकाग्रता बढ़ी है। डॉक्टरों और न्यूट्रिशन एक्सपर्ट्स का भी मानना है कि रिफाइंड शुगर का सेवन सीमित करने से न केवल टाइप-2 डायबिटीज, मोटापा और फैटी लिवर जैसी बीमारियों का खतरा घटता है, बल्कि यह दिल और दिमाग की सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है।
“सुगर फ्री चैलेंज”
अभियान से जुड़े आयोजकों का कहना है कि यह तो केवल शुरुआत है। आगे चलकर हर महीने एक “सुगर फ्री चैलेंज” आयोजित किया जाएगा, जिसमें लोग लगातार भाग ले सकें और शक्कर की लत से धीरे-धीरे मुक्ति पा सकें। साथ ही, इस पहल को स्कूलों, कॉलेजों और कार्यस्थलों में भी विस्तारित करने की योजना है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग जागरूक हो सकें।
अपनी सेहत में बड़ा बदलाव
“सुगर फ्री मासिक अभियान” ने यह साबित कर दिया है कि थोड़ी सी दृढ़ इच्छाशक्ति और समुदायिक समर्थन के साथ हम अपनी सेहत में बड़ा बदलाव ला सकते हैं। यह अभियान न केवल एक डाइट चैलेंज है, बल्कि एक हेल्दी लाइफस्टाइल की ओर बढ़ाया गया ठोस कदम है।
