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June 18, 2025 11:37 pm

केरल में हेयर ट्रांसप्लांट बना जानलेवा: मरीज की दर्दनाक कहानी

केरल के कोच्चि शहर में स्थित ‘इनसाइट डर्मा क्लिनिक’ में हेयर ट्रांसप्लांट कराने गए 39 वर्षीय सनील के लिए यह प्रक्रिया एक भयावह अनुभव बन गई। फरवरी 2025 में दो दिवसीय सत्र में कराए गए इस ट्रांसप्लांट के कुछ दिनों बाद ही सनील को सिर में तेज दर्द और सूजन की शिकायत हुई। क्लिनिक में संपर्क करने पर उन्हें केवल दर्दनाशक और स्टेरॉयड दवाएं दी गईं, लेकिन स्थिति बिगड़ती गई।

जब सनील ने कोच्चि के लूर्ड्स अस्पताल में विशेषज्ञों से परामर्श लिया, तो पता चला कि वे ‘नेक्रोटाइजिंग फासिआइटिस’ नामक एक गंभीर ‘फ्लेश-ईटिंग’ बैक्टीरिया से संक्रमित हैं। यह संक्रमण त्वचा और ऊतकों को तेजी से नष्ट करता है। अब तक सनील की 13 सर्जरी हो चुकी हैं, जिनमें स्किन ग्राफ्टिंग भी शामिल है, और उन्हें एक विशेष वैक्यूम मशीन के सहारे रहना पड़ता है। उनके सिर की कुछ हड्डियाँ अभी भी खुली हैं, और पूरी तरह से ठीक होने के लिए और उपचार की आवश्यकता है


⚖️ कानूनी कार्रवाई और जांच

सनील की शिकायत पर एर्नाकुलम टाउन साउथ पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है। इसमें क्लिनिक के मालिक डॉ. शरथ कुमार, स्टाफ सदस्य गोकुल और एक अज्ञात महिला को नामजद किया गया है। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 125, 125(a), और 125(b) के तहत आरोप लगाए हैं, जो मानव जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने से संबंधित हैं

पुलिस जांच कर रही है कि क्या क्लिनिक के पास आवश्यक मेडिकल लाइसेंस थे और क्या स्टाफ इस प्रकार की प्रक्रियाएं करने के लिए योग्य था। शिकायत के बाद से क्लिनिक बंद है, और आरोपी फरार हैं।


🩺 विशेषज्ञों की राय: कैसे बचें ऐसे खतरों से?

कोझिकोड के डर्मेटोलॉजिस्ट और हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. मुहम्मद रज्मी के अनुसार, इस प्रकार के संक्रमण अक्सर तब होते हैं जब बिना योग्यताप्राप्त व्यक्ति ऐसे संवेदनशील प्रक्रियाएं करते हैं। उन्होंने बताया कि नेशनल मेडिकल कमिशन के नियमों के अनुसार, हेयर ट्रांसप्लांट केवल डर्मेटोलॉजिस्ट या प्लास्टिक सर्जन द्वारा ही किया जाना चाहिए

सावधानियां:

  1. योग्य चिकित्सक का चयन: सुनिश्चित करें कि प्रक्रिया एक प्रमाणित और अनुभवी डॉक्टर द्वारा की जा रही है।

  2. क्लिनिक की स्वच्छता: क्लिनिक में उपकरणों की स्टेरिलाइजेशन और स्वच्छता पर ध्यान दें।

  3. लागत पर ध्यान: बहुत कम कीमतों के लालच में न आएं; गुणवत्ता से समझौता न करें।

  4. पूर्व मरीजों से संपर्क: क्लिनिक के पूर्व मरीजों से उनके अनुभव के बारे में पूछें।

  5. उपचार के बाद की देखभाल: प्रक्रिया के बाद डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें और किसी भी असामान्य लक्षण पर तुरंत चिकित्सा सहायता लें।


🧠 निष्कर्ष: सौंदर्य के चक्कर में न करें स्वास्थ्य से समझौता

सनील का मामला एक चेतावनी है कि सौंदर्य संबंधी प्रक्रियाओं के लिए हमेशा योग्य और प्रमाणित चिकित्सकों का चयन करें। अस्वस्थ्य और असुरक्षित प्रक्रियाएं न केवल आपकी सुंदरता को बल्कि आपके जीवन को भी खतरे में डाल सकती हैं। हम सभी को चाहिए कि हम सजग रहें और किसी भी चिकित्सा प्रक्रिया से पहले पूरी जानकारी और जांच-पड़ताल करें।

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