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16/12/2025 6:48 am

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महिलाओं में कमर दर्द के प्रमुख कारण, लक्षण और इलाज — जानिए घरेलू उपाय

महिलाओं में कमर दर्द (Back Pain) एक बहुत ही सामान्य लेकिन अक्सर अनदेखी की जाने वाली समस्या है।
यह दर्द हल्के दबाव से लेकर तीव्र पीड़ा तक हो सकता है और बैठने, झुकने या खड़े होने जैसी सामान्य गतिविधियों को भी मुश्किल बना देता है।
30 वर्ष की उम्र के बाद हार्मोनल बदलाव, प्रसव, और कैल्शियम की कमी के कारण यह समस्या और भी आम हो जाती है।
समय रहते अगर इस पर ध्यान न दिया जाए तो यह दीर्घकालिक दर्द (Chronic Pain) का रूप ले सकती है।

 हार्मोनल परिवर्तन और कमर दर्द का संबंध

महिलाओं के शरीर में हार्मोनल उतार-चढ़ाव मासिक धर्म, गर्भावस्था और रजोनिवृत्ति (Menopause) के दौरान होता है।
इन परिवर्तनों के कारण मांसपेशियों में खिंचाव और सूजन हो सकती है, जो कमर दर्द का कारण बनती है।
माहवारी के दौरान होने वाला प्रोस्टाग्लैंडिन हार्मोन कभी-कभी पीठ तक दर्द फैला देता है।
मेनोपॉज़ के बाद एस्ट्रोजेन हार्मोन का स्तर घटने से हड्डियाँ कमजोर पड़ जाती हैं, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डी क्षरण) और कमर दर्द की संभावना बढ़ती है।

गर्भावस्था और प्रसव के बाद का कमर दर्द

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं का वजन बढ़ता है और पेट का भार रीढ़ की हड्डी पर दबाव डालता है।
इस कारण लोअर बैक (Lower Back) में दर्द होना आम है।
प्रसव के बाद मांसपेशियों की कमजोरी, स्तनपान के दौरान झुककर बैठना और हार्मोनल असंतुलन दर्द को लंबे समय तक बनाए रख सकते हैं।
इसलिए प्रसव के बाद योग, हल्के व्यायाम और कैल्शियम युक्त आहार बेहद जरूरी हैं।

गलत बैठने या खड़े होने की मुद्रा (Posture) का असर

लंबे समय तक झुककर काम करना, गलत कुर्सी पर बैठना, या मोबाइल और लैपटॉप का अत्यधिक उपयोग रीढ़ की हड्डी पर असमान दबाव डालता है।
यह दबाव धीरे-धीरे मांसपेशियों को कमजोर करता है और पोश्चर संबंधी दर्द पैदा करता है।
इसलिए सही मुद्रा अपनाना और हर 30–40 मिनट में उठकर थोड़ा चलना कमर दर्द की रोकथाम के लिए आवश्यक है।

कैल्शियम और विटामिन D की कमी — मौन शत्रु

कई महिलाओं में कमर दर्द का असली कारण कैल्शियम और विटामिन D की कमी होती है।
इन दोनों की कमी से हड्डियाँ कमजोर हो जाती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है।
धूप में नियमित रूप से रहना, दूध, तिल, दही, अंडा, बादाम जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन और डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट लेना इस कमी को पूरा कर सकता है।

जब कमर दर्द को न करें नज़रअंदाज़

कभी-कभी कमर दर्द सिर्फ थकान का नहीं बल्कि गंभीर रोग का संकेत भी हो सकता है।
जैसे —
स्लिप डिस्क (Slip Disc) जिसमें रीढ़ की नस दब जाती है,
साइटिका (Sciatica) जिसमें दर्द कमर से पैरों तक जाता है,
किडनी संक्रमण या पथरी, या
गर्भाशय की बीमारियाँ (जैसे फाइब्रॉयड या एंडोमेट्रियोसिस)
अगर दर्द लगातार बढ़ रहा हो या पैरों में सुन्नपन महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से जांच कराएँ।

कमर दर्द के प्रमुख लक्षण

कमर में लगातार भारीपन रहना, झुकने या उठने पर दर्द का बढ़ना, सुबह उठने पर अकड़न महसूस होना — ये आम लक्षण हैं।
कभी-कभी दर्द जांघों और पैरों तक फैल जाता है, जिससे चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है।
अगर दर्द के साथ बुखार, पेशाब में जलन या वजन घटने जैसे लक्षण हों तो यह इन्फेक्शन या हड्डी संबंधी समस्या का संकेत हो सकता है।

घरेलू उपाय — राहत पाने के आसान तरीके

गर्म सिकाई (Hot Compress):
गर्म पानी की थैली या हीट पैड से रोज़ाना 10–15 मिनट तक सेंक करने से मांसपेशियाँ रिलैक्स होती हैं और दर्द कम होता है।

हल्की स्ट्रेचिंग और योगासन:
योग में भुजंगासन, मकरासन, सेतुबंधासन और ताड़ासन विशेष रूप से उपयोगी हैं।
हालांकि, गंभीर दर्द की स्थिति में पहले डॉक्टर या योग प्रशिक्षक से सलाह लें।

हल्दी वाला दूध:
हल्दी में कर्क्यूमिन होता है जो सूजन और दर्द को कम करता है।
रोज़ रात को सोने से पहले हल्दी वाला दूध पीने से राहत मिलती है।

मालिश:
सरसों या नारियल तेल में लहसुन डालकर गर्म करें और कमर की हल्की मालिश करें।
यह रक्त संचार बढ़ाता है और दर्द कम करता है।

संतुलित आहार:
कैल्शियम, विटामिन D, ओमेगा-3 फैटी एसिड और प्रोटीन से भरपूर भोजन कमर दर्द को जड़ से ठीक करने में मदद करता है।

चिकित्सीय उपचार (Medical Treatment)

अगर दर्द लंबे समय तक बना रहता है, तो चिकित्सकीय सलाह लेना जरूरी है।
फिजियोथेरेपी से मांसपेशियों की मजबूती और लचीलापन बढ़ाया जा सकता है।
डॉक्टर जरूरत पड़ने पर पेन रिलीफ दवाएं (जैसे Ibuprofen, Paracetamol) या
विटामिन D और कैल्शियम सप्लीमेंट दे सकते हैं।
अगर नस या हड्डी की समस्या हो, तो MRI या X-ray जांच आवश्यक होती है।

रोकथाम के उपाय — छोटी आदतें, बड़ा बदलाव

कमर दर्द से बचाव के लिए सही जीवनशैली अपनाना सबसे जरूरी है।
सही मुद्रा में बैठें और हर 30 मिनट में शरीर को हिलाएं।
भारी सामान उठाते समय घुटनों को मोड़ें, सीधे झुकें नहीं।
वजन नियंत्रित रखें क्योंकि अधिक वजन रीढ़ पर दबाव डालता है
मानसिक तनाव कम रखें — तनाव भी मांसपेशियों को सख्त करता है और दर्द बढ़ाता है।

 कमर दर्द पर समय रहते करें ध्यान

महिलाओं में कमर दर्द एक सामान्य लेकिन गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जिसे अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए।
थोड़ा-सा ध्यान, सही खानपान, नियमित योग और चिकित्सीय सलाह इसे जड़ से खत्म कर सकते हैं।
यदि आप हर दिन कुछ मिनट अपने शरीर को दें, तो यह दर्द नहीं बल्कि आपका आत्मविश्वास बढ़ाएगा।
याद रखें — “स्वस्थ कमर, सशक्त महिला की पहचान है।”

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