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02/10/2025 6:50 pm

Office Success Tips- ऑफिस में सक्सेस पाने का तरीका

आज के समय में अधिकांश ऑफिसों में काम करने वाले लोगों की कद्र होना थोड़ा कम हो गया है . क्योंकि उंचे पदों पर बैठा व्यक्ति या वॉस हर किसी से यह चाहता है कि समाने वाला को कुछ भी बोलूं तो वह उसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं दें और हमारी बातों को पूरी तरह मान लें. तरक्की उन लोगों को मिलती है जो बगैर तर्क दिए, वॉस की बातों का चुपचाप पालन करते हैं। क्या ऑफिस में सफल होने का यही एकमात्र तरीका है या सच्ची सफलता के लिए सुनने और चुप रहने की कला ज्यादा जरूरी है?

लगातार सिर झुकाने या जी हुजूरी से क्या मिलता है?

दफ्तरों में कई लोग केवल वॉस की हां में हां मिलाकर या उसकी हर गलती को नजरअंदाज कर अपनी पद को सुरक्षित रखते हैं. ये लोग जानते हैं कि बहस करने, तर्क देने या विरोध जताने से वे ऑफिस पॉलिटिक्स में पीछे रह जाएंगे। नतीजा, कई बार उनकी तरक्की दूसरों की मेहनत और काबिलियत से जल्दी होती है, क्योंकि वे खुद को वॉस की पसंद में ढाल लेते हैं। यह व्यवहार ऑफिस में सत्ता के साथ भी उनके रिश्ते मजबूत करता है, लेकिन कभी-कभी यह मानसिक तनाव और असंतोष भी बहुत बढ़ा देता है।

मौन और सुनने की ताकत

उपर के फोटो में एक कान, जिसके अंदर ईंट की दीवार दिख रही है, और एक होंठ, जिसे जिप से बंद किया गया है, स्पष्ट संदेश देता है कि सफलता पाने के लिए बोलने से ज्यादा सुनना और चुप रहना चाहिए। यह मौन व्यक्ति को बाहर के शोर या नकारात्मकता से बचाकर अपने लक्ष्य पर केंद्रित रखता है। मनोवैज्ञानिक और आध्यात्मिक दोनों दृष्टि से मौन रहने से न केवल मानसिक शांति आती है, बल्कि व्यक्ति की एनर्जी बिखरने के बजाय सहेजती है और उसके भीतर सही निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है।

सही समय पर सही बातें

मौन रहना मतलब हमेशा चुप रहना नहीं। जब अपनी बात कहनी जरूरी हो, तभी बोलें। इसके अलावा, अधिकतर मौके पर सुनना सीखें और अपने शब्दों का चयन सोच-समझकर करें। इससे सामने वाले व्यक्ति को आप पर भरोसा होगा और आप खुद भी अंतर्मुखी होकर अपने विचारों और फैसलों का आकलन कर सकते हैं। जो लोग ऑफिस में बेवजह बहस या तर्क नहीं करते, उन्हें टीम में शांत और सहयोगी साथी माना जाता है, जिससे कार्य स्थल का माहौल बेहतर होता है।

प्राइवेसी और प्रोफेशनल सीमाएं

जो लोग ऑफिस में कम बोलते और ज्यादा सुनते हैं, उनके व्यक्तिगत विचार और योजनाएं सार्वजनिक नहीं होतीं, जिससे उनकी प्राइवेसी सुरक्षित रहती है। वे खुद ठोस रणनीति बनाते हैं, बजाय लोगों के बीच अपनी योजनाओं को उजागर करने के। अटेंशन की ही चाह रखने वाले लोग अक्सर काम से जुड़ी रणनीतिक बातें दूसरों को बता देते हैं, जिससे अपनी जगह कमजोर कर लेते हैं। शांत और सीमित बोलना आपके आत्मविश्वास और लोकेशंस को मजबूत करता है।

नेतृत्व में सुनने की भूमिका

सुनना हर स्तर पर, खासकर नेतृत्व की भूमिका में बेहद अहम है। अच्छा नेता वही है जो अपनी टीम के विचार, समस्याएं और भावनाओं को गंभीरता से सुनता है। इससे फैसले लेने में आसानी होती है और टीम का विश्वास भी बढ़ता है। बिना सुने या बेवजह बोलने वाले लोग अक्सर निर्णायक फैसले लेने में नाकाम रहते हैं। जो सुन सकते हैं वो सबका भरोसा जीतते हैं और सामूहिक लक्ष्य प्राप्त करने में अग्रणी रहते हैं।

मानसिक शांति और पर्सनल ग्रोथ

मौन रहना आपको मानसिक रूप से मजबूत बनाता है। इससे आपकी ऊर्जा और सोचने-समझने की शक्ति में वृद्धि होती है। नियमित रूप से कुछ समय चुप्पी में बिताने से आप अपने भीतर और बाहर के वातावरण को बेहतर ढंग से समझते हैं। यह आदत न केवल कामयाबी दिलाती है, बल्कि रिश्ते, सेहत और संपूर्ण विकास के लिए बहुत लाभकारी है।

सुनना बेहतरीन तरीका

अगर आप ऑफिस में असली सफल होना चाहते हैं, तो वॉस की जी हुजूरी या बेवजह बोलने के बजाय सुनना और समय पर तर्क करना ही बेहतरीन तरीका है। मौन रहने, सोच-समझकर बोलने और सही वक्त पर प्रतिक्रिया देने से आपकी ग्रोथ तेज होती है। लोगों की बातों में दिलचस्पी लें, अपनी एनर्जी और विचारो को सुरक्षित रखें, तभी सच की कद्र और तरक्की दोनों आपके हिस्से आएगी।

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