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June 19, 2025 12:43 am

खनिज और पोषक तत्व से भरपूर है शिलाजीत…40 से अधिक उम्र के लिए है रामवाण

शिलाजीत एक प्राकृतिक और शक्तिशाली आयुर्वेदिक औषधि है, जो मुख्य रूप से हिमालय, तिब्बत, और अन्य पर्वतीय क्षेत्रों में पाई जाती है। यह एक गहरे भूरे या काले रंग का चिपचिपा पदार्थ होता है, जो हजारों वर्षों में जैविक और खनिज तत्वों के संयोग से बनता है। इसे आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण औषधि माना जाता है, जो कई बीमारियों के उपचार में उपयोगी है और शरीर की ऊर्जा और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है।


शिलाजीत में पाए जाने वाले खनिज और पोषक तत्व

शिलाजीत में 80 से अधिक खनिज और जैव-सक्रिय यौगिक होते हैं, जिनमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित तत्व शामिल हैं:

  1. फुलविक एसिड – यह शरीर में पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाता है और एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है।

  2. ह्यूमिक एसिड – यह शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है।

  3. आयरन (लौह तत्व) – यह एनीमिया (खून की कमी) को रोकने में सहायक होता है।

  4. कैल्शियम और मैग्नीशियम – यह हड्डियों और मांसपेशियों की मजबूती के लिए आवश्यक होता है।

  5. जिंक और कॉपर – ये तत्व हॉर्मोन संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं।

  6. पोटैशियम और सेलेनियम – ये दिल और तंत्रिका तंत्र को स्वस्थ बनाए रखते हैं।


40 साल की उम्र के बाद शिलाजीत के फायदे

जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, शरीर की कार्यक्षमता धीमी हो जाती है और कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। शिलाजीत नियमित रूप से लेने से 40 साल के बाद निम्नलिखित समस्याओं से बचाव किया जा सकता है:

1. हड्डियों और जोड़ों का स्वास्थ्य

  • शिलाजीत में मौजूद कैल्शियम और मैग्नीशियम हड्डियों को मजबूत बनाते हैं और ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों के कमजोर होने की बीमारी) को रोकते हैं।

  • गठिया (आर्थराइटिस) और जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है।

2. यौन स्वास्थ्य में सुधार

  • यह टेस्टोस्टेरोन हार्मोन को बढ़ाता है, जिससे पुरुषों की यौन शक्ति और प्रजनन क्षमता में सुधार होता है।

  • स्त्रियों में हार्मोन संतुलन बनाए रखने में मदद करता है और रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) से जुड़ी समस्याओं को कम करता है।

3. मानसिक स्वास्थ्य और तनाव

  • यह मानसिक तनाव और अवसाद (डिप्रेशन) को कम करता है।

  • मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाता है और याददाश्त सुधारता है।

4. ऊर्जा और सहनशक्ति

  • यह शरीर की थकान और कमजोरी को दूर करता है और एनर्जी लेवल को बढ़ाता है।

  • मांसपेशियों की शक्ति बढ़ाने में मदद करता है, जिससे शारीरिक कार्यक्षमता बनी रहती है।

5. हृदय स्वास्थ्य

  • शिलाजीत कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखता है, जिससे हृदय रोगों का खतरा कम होता है।

  • रक्त परिसंचरण को बेहतर बनाता है, जिससे दिल स्वस्थ रहता है।

6. मधुमेह (डायबिटीज) में फायदेमंद

  • यह ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद करता है और इंसुलिन की कार्यक्षमता को सुधारता है।

  • मधुमेह से संबंधित जटिलताओं को रोकने में सहायक होता है।

7. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना

  • यह शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत करता है, जिससे संक्रमण और बीमारियों से बचाव होता है।

  • एलर्जी, वायरल संक्रमण और मौसमी बीमारियों से बचाने में सहायक है।


शिलाजीत लेने के तरीके

शिलाजीत को सही मात्रा और विधि से लेने से ही इसका पूरा लाभ मिलता है। इसे लेने के कुछ प्रमुख तरीके निम्नलिखित हैं:

1. पानी या दूध के साथ

  • रोजाना सुबह या रात को सोने से पहले 250-500 मिलीग्राम शिलाजीत को गुनगुने दूध या पानी में मिलाकर पीना चाहिए।

2. शहद या घी के साथ

  • इसे एक चम्मच शहद या देसी घी के साथ मिलाकर लिया जा सकता है, जिससे इसके पोषक तत्व जल्दी अवशोषित होते हैं।

3. कैप्सूल या पाउडर के रूप में

  • बाजार में शिलाजीत कैप्सूल और पाउडर के रूप में भी उपलब्ध है, जिसे डॉक्टर की सलाह के अनुसार लिया जा सकता है।

4. हर्बल चाय में मिलाकर

  • इसे हर्बल चाय या ग्रीन टी में मिलाकर लिया जा सकता है, जिससे इसकी प्रभावशीलता बढ़ जाती है।


सावधानियां और दुष्प्रभाव

हालांकि शिलाजीत एक प्राकृतिक औषधि है, लेकिन इसका सही मात्रा में सेवन आवश्यक है। अधिक मात्रा में लेने से कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जैसे:

  • ब्लड प्रेशर में गिरावट

  • अत्यधिक गर्मी या शरीर में जलन महसूस होना

  • पेट खराब होना या अपच

गर्भवती महिलाएं, स्तनपान कराने वाली महिलाएं, और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त व्यक्ति इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लें।

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