जब हार्ट की धमनियों (कोरोनरी आर्टरी) में ब्लॉकेज हो जाता है, तो रक्त प्रवाह बाधित होने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। इस स्थिति में डॉक्टर आमतौर पर दो तरह के उपचार सुझाते हैं – एंजियोप्लास्टी (स्टंट) या बायपास सर्जरी। दोनों प्रक्रियाओं के अपने फायदे और नुकसान होते हैं। हार्ट एक्सपर्ट मरीज की स्थिति के आधार पर तय करते हैं कि किसे कौन-सा उपचार दिया जाना चाहिए।
1. स्टंट (एंजियोप्लास्टी) क्या है?
स्टंट एक छोटी जालीदार ट्यूब होती है, जिसे ब्लॉकेज वाली धमनियों में डाला जाता है। यह रक्त प्रवाह को बेहतर बनाकर हार्ट अटैक के खतरे को कम करता है।
कब स्टंट डलवाना चाहिए?
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यदि ब्लॉकेज 50-70% तक है।
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यदि मरीज को माइल्ड एंजाइना (सीने में हल्का दर्द) हो और बाकी हार्ट सामान्य रूप से काम कर रहा हो।
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यदि मरीज को तुरंत राहत की जरूरत हो और उसकी सर्जरी टालनी हो।
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बुजुर्ग मरीजों के लिए यह आसान और कम जोखिम वाला विकल्प हो सकता है।
स्टंट के फायदे
✔ कम समय में प्रक्रिया पूरी हो जाती है (1-2 घंटे)।
✔ रिकवरी जल्दी होती है (1-2 दिन में घर जा सकते हैं)।
✔ सर्जरी के मुकाबले कम जटिलता होती है।
स्टंट के नुकसान
❌ कभी-कभी स्टंट ब्लॉकेज को पूरी तरह नहीं खोल पाता।
❌ कुछ सालों में दोबारा ब्लॉकेज की संभावना रहती है।
❌ यदि ब्लॉकेज बहुत ज्यादा हो, तो स्टंट प्रभावी नहीं होता।
2. बायपास सर्जरी क्या है?
बायपास सर्जरी में डॉक्टर ब्लॉकेज वाली धमनियों को हटाकर नई धमनियां जोड़ते हैं, ताकि रक्त प्रवाह सामान्य हो सके।
कब बायपास करवाना चाहिए?
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यदि धमनियों में 90% से अधिक ब्लॉकेज हो।
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यदि एक से अधिक धमनियां ब्लॉक हो गई हों।
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यदि मरीज को बार-बार हार्ट अटैक या तेज एंजाइना दर्द हो रहा हो।
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यदि मरीज को डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर या अन्य गंभीर बीमारी हो।
बायपास के फायदे
✔ लंबी अवधि तक राहत देता है।
✔ दोबारा ब्लॉकेज की संभावना बहुत कम होती है।
✔ हार्ट की कार्यक्षमता बेहतर होती है।
बायपास के नुकसान
❌ यह एक बड़ी सर्जरी है, रिकवरी में 4-6 हफ्ते लगते हैं।
❌ ऑपरेशन का खतरा अधिक होता है।
❌ अस्पताल में ज्यादा दिन भर्ती रहना पड़ता है।
हार्ट एक्सपर्ट क्या कहते हैं?
डॉक्टर मरीज की उम्र, स्वास्थ्य और ब्लॉकेज की स्थिति को देखकर तय करते हैं कि स्टंट सही रहेगा या बायपास।
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अगर ब्लॉकेज हल्का है, तो स्टंट बेहतर विकल्प हो सकता है।
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अगर ब्लॉकेज गंभीर है और हार्ट अटैक का खतरा अधिक है, तो बायपास ज्यादा असरदार रहेगा।
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डायबिटीज के मरीजों के लिए बायपास ज्यादा फायदेमंद होता है।
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बुजुर्ग और कमजोर मरीजों के लिए स्टंट सुरक्षित हो सकता है।
परामर्श जरूर करें
स्टंट और बायपास दोनों के अपने फायदे और नुकसान हैं। मरीज की स्थिति के अनुसार डॉक्टर सही इलाज तय करते हैं। अगर ब्लॉकेज हल्का है और मरीज की तबीयत ठीक है, तो स्टंट बेहतर विकल्प है। लेकिन अगर ब्लॉकेज ज्यादा है और हार्ट की हालत कमजोर हो रही है, तो बायपास ही सही फैसला होगा। इसलिए, किसी भी निर्णय से पहले कार्डियोलॉजिस्ट से परामर्श जरूर करें।
