कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर के लिए आवश्यक वसायुक्त पदार्थ है, लेकिन जब यह अधिक मात्रा में बढ़ जाता है, तो यह हृदय रोगों का मुख्य कारण बन सकता है। हाई कोलेस्ट्रॉल धमनियों में जमा होकर रक्त प्रवाह को बाधित करता है, जिससे हृदय को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिलती। यही स्थिति हार्ट अटैक का प्रमुख कारण बनती है। इस लेख में हम जानेंगे कि कोलेस्ट्रॉल कितना बढ़ने पर हार्ट अटैक का खतरा होता है और इससे बचाव के लिए क्या किया जा सकता है।
कोलेस्ट्रॉल के प्रकार और उनका प्रभाव
कोलेस्ट्रॉल मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है:
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एलडीएल (LDL – Low-Density Lipoprotein) – “बैड कोलेस्ट्रॉल”
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यह धमनियों में जमकर ब्लॉकेज पैदा करता है।
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अगर इसका स्तर 100 mg/dL से अधिक हो जाए, तो यह हानिकारक हो सकता है।
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130 mg/dL से ऊपर पहुंचने पर हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
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190 mg/dL से ऊपर होने पर यह बहुत खतरनाक हो सकता है।
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एचडीएल (HDL – High-Density Lipoprotein) – “गुड कोलेस्ट्रॉल”
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यह धमनियों से अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल को हटाने में मदद करता है।
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इसका स्तर 40-60 mg/dL के बीच होना चाहिए।
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60 mg/dL से अधिक होने पर यह हृदय के लिए लाभदायक होता है।
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ट्राइग्लिसराइड्स
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यह एक प्रकार की वसा है, जो ऊर्जा प्रदान करता है लेकिन अधिक होने पर हृदय रोग का कारण बन सकता है।
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इसका सामान्य स्तर 150 mg/dL से कम होना चाहिए।
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200 mg/dL से अधिक होने पर यह खतरनाक हो सकता है।
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कितना कोलेस्ट्रॉल होने पर हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है?
अगर कुल कोलेस्ट्रॉल (Total Cholesterol) 200 mg/dL से ऊपर हो जाए, तो हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
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200-239 mg/dL: जोखिम बढ़ा हुआ माना जाता है।
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240 mg/dL से अधिक: यह हार्ट अटैक और स्ट्रोक के लिए गंभीर खतरा हो सकता है।
एलडीएल कोलेस्ट्रॉल 130 mg/dL से ऊपर होने पर, खासकर अगर व्यक्ति का लाइफस्टाइल अस्वस्थ हो, तो हार्ट अटैक की संभावना अधिक हो जाती है।
हार्ट अटैक से बचने के उपाय
1. हेल्दी डाइट अपनाएँ
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फाइबर युक्त भोजन खाएँ: फल, हरी सब्जियाँ, साबुत अनाज और दालें कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करती हैं।
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अलसी और नट्स खाएँ: इनमें ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं, जो हृदय को स्वस्थ रखते हैं।
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फास्ट फूड और जंक फूड से बचें: ट्रांस फैट और सैचुरेटेड फैट एलडीएल को बढ़ाते हैं।
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डेयरी प्रोडक्ट्स का सही मात्रा में सेवन करें: कम वसा वाले दूध और दही का उपयोग करें।
2. नियमित व्यायाम करें
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रोज़ाना 30-45 मिनट एक्सरसाइज करें।
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वॉकिंग, योग, साइकलिंग, तैराकी और दौड़ना हृदय के लिए लाभदायक होते हैं।
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नियमित व्यायाम एचडीएल को बढ़ाता है और एलडीएल को कम करता है।
3. वजन नियंत्रित रखें
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अधिक वजन होने से एलडीएल बढ़ता है, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।
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बॉडी मास इंडेक्स (BMI) को 18.5 से 24.9 के बीच बनाए रखना जरूरी है।
4. धूम्रपान और शराब से बचें
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धूम्रपान एलडीएल को बढ़ाता है और एचडीएल को कम करता है।
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शराब का अत्यधिक सेवन ट्राइग्लिसराइड्स को बढ़ा सकता है।
5. तनाव कम करें
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ध्यान (Meditation) और योग करने से मानसिक तनाव कम होता है।
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तनाव हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकता है, जिससे कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है।
6. नियमित हेल्थ चेकअप कराएँ
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हर 6 महीने में कोलेस्ट्रॉल का टेस्ट कराएँ।
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ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल को भी मॉनिटर करें।
निष्कर्ष
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है, खासकर जब एलडीएल 130 mg/dL से ऊपर हो और कुल कोलेस्ट्रॉल 240 mg/dL से ज्यादा हो जाए। लेकिन सही डाइट, नियमित व्यायाम, तनाव प्रबंधन और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर इसे नियंत्रित किया जा सकता है। अगर समय पर सावधानी बरती जाए, तो हार्ट अटैक के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
