Tricep Dips एक बॉडीवेट एक्सरसाइज है, जो मुख्य रूप से ट्राइसेप्स (ऊपरी भुजा के पीछे की मांसपेशी) को मजबूत करने के लिए की जाती है। इस एक्सरसाइज में व्यक्ति अपने शरीर को एक स्थिर सतह (जैसे बेंच, कुर्सी या डिप्स बार) पर रखते हुए ऊपर-नीचे करता है। यह वर्कआउट ऊपरी शरीर को मजबूत बनाने में मदद करता है और मांसपेशियों को टोन करता है।
Tricep Dips करने की सही विधि
1. बेंच या कुर्सी का उपयोग करके:
- एक मजबूत बेंच, कुर्सी या किसी ऊँची सतह पर अपने हाथों को कंधे की चौड़ाई जितना फैलाकर रखें।
- पैरों को आगे सीधा रखें या हल्का मोड़ें।
- धीरे-धीरे कोहनियों को मोड़ते हुए अपने शरीर को नीचे लाएँ जब तक कि आपकी कोहनियाँ 90° पर न आ जाएँ।
- फिर हाथों के सहारे शरीर को वापस ऊपर उठाएँ।
- इस प्रक्रिया को 10-15 बार दोहराएँ।
2. डिप्स बार (Parallel Bars) का उपयोग करके:
- डिप्स बार को पकड़कर अपने शरीर को ऊपर उठाएँ।
- कोहनियों को मोड़ते हुए शरीर को नीचे लाएँ।
- 90° के एंगल पर पहुँचने के बाद वापस ऊपर उठें।
- 8-12 रेप्स करें।
Tricep Dips के फायदे
1. ट्राइसेप्स को मजबूत बनाता है
यह एक्सरसाइज सीधे ट्राइसेप्स मसल्स पर काम करती है, जिससे हाथों की ताकत बढ़ती है और मांसपेशियाँ टोन होती हैं।
2. बाजुओं और कंधों की मजबूती
Tricep Dips न केवल ट्राइसेप्स बल्कि कंधों, छाती और पीठ को भी मजबूत करने में मदद करता है।
3. बॉडीवेट एक्सरसाइज (Gym के बिना भी कर सकते हैं)
इसके लिए किसी भी भारी उपकरण की जरूरत नहीं होती, इसे घर पर ही बेंच, कुर्सी या किसी मजबूत सतह पर किया जा सकता है।
4. मांसपेशियों की परिभाषा (Muscle Definition) बढ़ाता है
जो लोग टोंड आर्म्स और बैक चाहते हैं, उनके लिए यह एक्सरसाइज बहुत फायदेमंद होती है।
5. कोर और स्टेबिलिटी को बेहतर बनाता है
जब आप Tricep Dips करते हैं, तो आपका कोर (Core Muscles) भी सक्रिय रहता है, जिससे शरीर का संतुलन बेहतर होता है।
6. फंक्शनल स्ट्रेंथ बढ़ाता है
यह एक्सरसाइज रोजमर्रा की गतिविधियों में मदद करती है, जैसे कि कुछ उठाना, धक्का देना या कोई भारी चीज पकड़ना।
Tricep Dips करते समय ध्यान देने योग्य बातें
✅ सही फॉर्म बनाए रखें – गलत तकनीक से चोट लग सकती है।
✅ धीरे-धीरे रेप्स बढ़ाएँ – शुरुआत में 8-10 रेप्स करें और धीरे-धीरे संख्या बढ़ाएँ।
✅ कंधों को बहुत नीचे न गिराएँ – इससे चोट लगने का खतरा बढ़ सकता है।
✅ कोहनियों को लॉक न करें – ऊपरी स्थिति में कोहनियों को पूरी तरह सीधा न करें।
