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June 19, 2025 12:47 am

“बच्चे की नींद जैसी शांति: उम्र बढ़ने पर क्यों खो जाती है?”

जब हम किसी छोटे बच्चे को सोते हुए देखते हैं, तो एक अनकही शांति और निश्चिंतता उसके चेहरे पर झलकती है। उसकी धीमी साँसें, कोमल मुस्कान और पूरी तरह विश्राम की अवस्था हमें आकर्षित करती है। यही नींद की परिभाषा है – गहरी, संपूर्ण और शुद्ध विश्राम। लेकिन जैसे-जैसे इंसान की उम्र बढ़ती है, ये नींद भी बदल जाती है – उसकी गहराई कम हो जाती है, चेहरे पर तनाव झलकने लगता है और सुकून की वह अनुभूति धीरे-धीरे खो जाती है।

क्यों नहीं सो पाते हैं बड़े वैसे जैसे बच्चे?

  1. बढ़ती जिम्मेदारियाँ और तनाव
    बचपन में मन बिल्कुल खाली होता है – न कोई चिंता, न कोई जिम्मेदारी। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, जीवन में काम, परिवार, वित्तीय जिम्मेदारियाँ और सामाजिक अपेक्षाएँ जुड़ती जाती हैं। ये मानसिक बोझ रात को सोते समय भी साथ रहता है, जिससे मन पूरी तरह शांत नहीं हो पाता।

  2. अनियमित दिनचर्या और जीवनशैली
    बच्चों की दिनचर्या अक्सर समयबद्ध और संतुलित होती है – समय पर खाना, खेलना और सोना। वयस्कों की जीवनशैली भागदौड़ भरी और अनियमित होती है। देर रात तक मोबाइल स्क्रीन, असमय भोजन, और असंतुलित दिनचर्या नींद को प्रभावित करती है।

  3. शारीरिक समस्याएँ
    जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, शरीर में हार्मोनल बदलाव, मेटाबॉलिज़्म में गिरावट और विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं (जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, आर्थराइटिस आदि) नींद की गुणवत्ता को घटा देते हैं। नींद बार-बार टूटती है और व्यक्ति थका हुआ ही महसूस करता है।

  4. मन की अशांति
    बच्चे अभी-अभी जीवन के द्वार पर आए हैं। उनका मन स्वाभाविक रूप से निर्मल होता है। वयस्कों के मन में असंख्य विचारों, चिंताओं, पछतावे और योजनाओं का जाल होता है, जो सोने नहीं देता।

कैसे पाएं बच्चे जैसी गहरी नींद?

  • रोज़ाना ध्यान (मेडिटेशन) करें: ध्यान से मन शांत होता है और नींद बेहतर होती है।

  • सोने से पहले स्क्रीन टाइम कम करें: मोबाइल, टीवी आदि से निकलने वाली नीली रोशनी नींद को प्रभावित करती है।

  • सोने की नियमित आदत बनाएं: रोज़ एक ही समय पर सोना और उठना नींद के चक्र को सामान्य करता है।

  • गर्म पानी से स्नान करें या हल्का योग करें: ये शरीर को रिलैक्स करता है और नींद गहरी होती है।

  • सोने से पहले कैमोमाइल चाय या हल्दी दूध पी सकते हैं।

निष्कर्ष

बच्चों की नींद केवल उनकी उम्र का परिणाम नहीं है, बल्कि उनके सरल, तनावमुक्त और स्वाभाविक जीवनशैली का प्रतीक भी है। अगर हम भी थोड़ी जागरूकता लाएं, जीवन की गति को संतुलित करें और अपने मन को शांत करना सीखें, तो उम्र बढ़ने के बावजूद भी गहरी और शांति भरी नींद पाना संभव है।

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